भारत सरकार के गृह मंत्रालय के पत्रांक के आलोक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयूष कमल दीक्षित की अध्यक्षता में न्यायालय सेक्युरिटी ऑडिट कमेटी की एक बैठक आयोजित की गई। सुरक्षात्मक बैठक में कुल सात सदस्यों ने न्यायालय और न्यायार्थियों के लिए कोरोना वायरस से बचने के उपायों के संबंध मंतव्य दिया। दूसरी बैठक में पूर्व में लिए गए प्रस्ताव पर चर्चा के साथ-साथ न्यायमंडल के सभी गेटों पर सुरक्षा गार्ड की तैनाती, आने वालों के लिए थर्मल स्क्रीन के द्वारा चेक किए जाने की व्यवस्था, न्यायालय में डॉक्टर की व्यवस्था, मेटल डिटेक्टर से जांच, गोल आकार के घेरे की व्यवस्था जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग संभव हो एवं न्यायालयों में एक पारदर्शी तरीके के पर्दे की व्यवस्था किए जाने की सुरक्षात्मक विचार किया गए। इस तरह के प्रयोग हरियाणा के न्यायालय में किया गया है। इसके अलावा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने जिला परिषद से बार एसोसिएशन को स्थानांतरित करने पर चर्चा की।
न्यायालय परिसर में हर सप्ताह सभी स्थानों की होगी सैनिटाइजिंग
न्यायालय परिसर में प्रत्येक सप्ताह सभी स्थानों पर सैनिटाइज की व्यवस्था का भी प्रस्ताव रखा गया। इसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सभी पदाधिकारियों के साथ न्यायमंडल का दौरा किया। इससे पूर्व इसकी बैठक 2 मई 2020 को संपन्न की गई थी। जिसमें कई पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई थी। जिसका कार्यान्वयन एवं अनुपालन अब तक नहीं हो पाया। जिसमें मुख्य रूप में मेन गेट पर मेटल डिटेक्टर से चेक करने की व्यवस्था, न्यायालयों में प्रवेश से पूर्व एक लोहे की ग्रिलिंग कर घेराबंदी, एक छोटे गेट का निर्माण किया जाना था।
ये रहे शामिल
बैठक में सीजेएम आनंद कुमार सिंह, विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव धीरेंद्र कुमार, जिला पदाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच, पुलिस अधीक्षक धूरत शायल, सिविल सर्जन अररिया मदन मोहन प्रसाद, कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण गजाधर दास, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार ठाकुर, सचिव राज कुमार राही एवं जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मंजूर आलम, सचिव जागेश्वर भगत शामिल हुए।
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