अगली खरीफ फसल को लेकर जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने संबंधित सभी अफसरों से बैठक की। बैठक में टिड्डियों के प्रकोप से बचाव के साथ खरीफ फसल के लिए उर्वरक प्रबंधन पर विशेष जोर दी गई। जिलाधिकारी ने अफसरों को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में मांग के अनुरूप उर्वरक की उपलब्धता रखें।

इसके लिए आवश्यक कार्यवाही करें। इस दौरान विभिन्न उर्वरक कंपनियों के प्रतिनिधि, स्टॉकिस्ट भी मौजूद रहे। इन्हें जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि मांग के अनुरूप उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित रखें। ताकि किसानों को उर्वरक से संबंधित किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। उधर, कैमूर में टिड्डियों के पहुंचने की संभावना को गंभीरता से लेते हुए प्रबंधन पर जोर दिया गया।

डीएम ने सभी 13 अग्निशमन वाहनों के अलर्टमोड में रहने का निर्देश जारी किया

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक डीएम ने सभी 13 अग्निशमन वाहनों के अलर्ट मोड में रहने का निर्देश जारी किया। कृषि विभाग के आधीकरिक जानकारी के मुताबिक टिड्डियों का दल उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से मध्यप्रदेश की ओर चला गया है। ऐसे में कैमूर में टिड्डियों के पहुंचने की संभावना कम हो गई है। लेकिन इनके संभावना पर सचेत रहने की हिदायत भी दी गई। जिला कृषि पदाधिकारी ललिता प्रसाद ने बताया कि यदि टीडीया कैमूर में पहुंचते हैं तो उनसे फसल के बचाव के लिए भी बेहतर प्रबंध किए जाएंगे। इसके लिए अग्निशमन वाहनों को तैयार रखने के लिए कहा गया है ल। बताया कि टिड्डियाँ दिन में एक जगह से दूसरे जगह उड़कर जाते हैं। रात्रि में विश्राम करते हैं। ऐसे में यदि इनकी पहुंचकर कैमूर में हुई तो उन्हें इंसेंटिसाइड्स के घोल से अग्निशमन वाहन के जरिए छिड़काव कराया जाएगा। इससे उनके पंख टूट जाएंगे। वहीं खत्म हो जाएंगे। इस तरह टिड्डियों से फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।



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The possibility of locusts coming to Kaimur is extremely low

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