

एम्स में गृह विभाग के अंडर सेक्रेटरी उमेश प्रसाद रजक की मौत हो गई। उमेश बिहार प्रशासनिक सेवा के पहले बड़े अधिकारी हैं जिनकी मौत करोना कोरोना से हुई। उमेश रजक इसी साल जनवरी में रिटायर हुए थे पर उन्हें एक्सटेंशन मिला था। वे अंडर सेक्रेटरी के रूप में काम कर रहे थे। करीब एक सप्ताह पहले कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद उन्हें आईजीआईएमएस में भर्ती किया गया था। बाद में उन्हें वहां से रविवार की रात में एम्स रेफर कर दिया गया। एम्स में उन्हें बेड नहीं मिल रहा था। उनकी पत्नी और बेटे उन्हें एम्स लेकर पहुंचे थे।
उमेश प्रसाद रजक के बड़े बेटे तपन कुमार भारती का कहना है कि पापा को अगर एम्स में उस दिन सही वक्त पर ऑक्सीजन लग जाता तो उनकी मौत नहीं होती। 10 घंटे से ज्यादा तक वे एम्स में फुटपाथ पर पड़े रहे। उनका ऑक्सीजन लेवल घट गया था। शेखपुरा में इंडियन पोस्ट बैंक में मैनेजर तपन ने बताया कि बीते बुधवार को उन्हें सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत हुई थी। उन्हें आईजीआईएमएस में ले गए।
वहां सैंपल लिया गया। शनिवार को पहले कहा गया कि रिपोर्ट निगेटिव है फिर पॉजिटिव बताया गया। तपन ने बताया कि पांचों को एक ही एंबुलेंस में एनएमसीएच ले जाया गया पर वहां एडमिट करने से इनकार कर दिया। उसके बाद एम्स में लेकर आए तो उन्हें फूटपाथ पर रहना पड़ा। तपन ने फफकते हुए कहा- पापा कुव्यवस्था के शिकार हो गए। घंटों फुटपाथ पर रहने के बाद उन्हें बेड मिला पर वे कोरोना से जंग हार गए। मंगलवार को उनकी मौत हो गई। मौत उनकी माैत हाे गई।
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