मंत्री जी! आप तो अगस्त तक ही काम कर पाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इतना कहते ही ग्रामीण कार्यमंत्री शैलेश कुमार हड़बड़ा गए। मुख्यमंत्री ने उनकी परेशानी भांपते हुए कहा- सितंबर में चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा कर देगा। मंत्री जी आप तो चुनाव के मैदान में रहिएगा। अगले माह से सारा काम तो सचिव को ही संभालना है।

इसलिए आप विभाग के सचिव को कहिए यह वादा करने के लिए, हम उनकी बातों को रिकॉर्ड कराएंगे। दरअसल, ग्रामीण कार्यमंत्री जमीन के चक्कर में टोला संपर्क निश्चय योजना की फंसी हुई 182 ग्रामीण सड़क परियोजनाओं को अक्टूबर तक पूरा कर लेने का आश्वासन दे रहे थे। इसी बात पर उनको मुख्यमंत्री ने टोका। इसके बाद ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिया कि वह सभी लंबित ग्रामीण सड़क परियोजनाओं को अक्टूबर तक हर हाल में पूरा करा लेंगे।

ठेकेदार के भरोसे नहीं, सड़कों की मरम्मत कराएंगे इंजीनियर
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियरों को ठेकेदारों के भरोसे बैठने की बजाए ग्रामीण सड़कों की मरम्मत खुद ही कराने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में हम लोगों से पहले ठेकेदार की इच्छा पर सड़क निर्माण का प्रस्ताव बनता था। हमने इस कार्य संस्कृति को खत्म कराया। सड़क बन जाने के बाद अगर मरम्मत नहीं हुई तो उसका टूटना तय है।

एक बार सड़क टूट गई तो फिर प्रस्ताव बनेगा, टेंडर होगा उसके बाद सड़क बनेगी, तब तक लोग तो परेशान ही रहेंगे। इसलिए विभाग के इंजीनियर सड़कों की खुद मरम्मत कराएं। हमने सड़कों के मेंटेनेंस की नीति को लोक शिकायत निवारण कानून के दायरे में ला दिया है।



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CM said- Minister! You will be able to work till August, elections will be declared in September.

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