प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भोजपुर की जहरीली शराब कांड मामले में शराब माफिया संजय प्रताप सिंह, उसकी पत्नी किरण देवी और सहयोगी श्रीकुमार सिंह के खिलाफ पीएमएलए के तहत शिकंजा कस दिया है।

ईडी ने इनकी 1 करोड़ 31 लाख 90 हजार 554 रुपए की चल-अचल संपत्ति के पूर्ण स्वामित्व और प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत सात साल की सजा दिलाने के लिए पीएमएल की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल किया है। जब्त होने वाली संपत्तियों में 15 प्लॉट हैं, जिनमें से दो पर कंस्ट्रक्शन है। यह संपत्ति 1 करोड़ 31 लाख से अधिक की है। इसके अलावा संजय प्रताप सिंह की अपंजीकृत फर्म मां कंस्ट्रक्शन के विभिन्न खातों में जमा 30, 754.94 रुपए जब्त किए जा चुके हैं।
वर्ष 2012 में भोजपुर के नवादा में जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में संजय प्रताप सिंह और उनके सहयोगियों पर अवैध तरीके से जहरीली शराब बनाने और बेचने का आरोप लगा था। इस मामले में संजय प्रताप सिंह सहित 14 लोगों को कोर्ट से सजा भी हो चुकी है।

बाद में आर्थिक अपराध इकाई ने यह मामला प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दिया था। ईडी ने संजय प्रताप सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमों के आधार पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी।

अपंजीकृत फर्म भी बनाया था
जांच में यह बात सामने आई कि संजय प्रताप सिंह ने संजय प्रताप सिंह ने देसी शराब के अवैध धंधे से हो रही मोटी कमाई से स्वयं और पत्नी किरण देवी के नाम से अचल संपत्ति बनाई। साथ ही इस धंधे से हो रही काली कमाई को सफेद करने के लिए उसने वर्ष 2011 में भोजपुर वाइन ट्रेडर्स नाम से एक अपंजीकृत फर्म भी बना लिया। इसके अलावा मां कंस्ट्रक्शन नाम से कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय भी शुरू कर दिया। ईडी सूत्रों के अनुसार पीएमएलए के तहत यह कार्रवाई विधानसभा चुनाव के दौरान शराब के अवैध धंधे से जुड़े लोगों को कड़ा संदेश भी देगी।



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Charge sheet for ownership and punishment of liquor mafia worth 1.31 crore

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