बैंकों द्वारा दी जाने वाली उधारी की बढ़त (क्रेडिट ग्रोथ) में लगातार छठीं तिमाही में कमी आई है। जून तिमाही में यह 5.7 पर्सेंट रही है। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जारी आंकड़ों में दी है। बैंकों के पास इस समय कुल 141 लाख करोड़ रुपए की डिपॉजिट है। जबकि उधारी 100 लाख करोड़ रुपए है।
इंडस्ट्रियल सेक्टर की उधारी में आई कमी
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक (इंडस्ट्रियल) सेक्टर की उधारी जून तिमाही में सालाना आधार पर 0.6 पर्सेंट गिरी है। कुल उधारी में इसका हिस्सा 30.08 पर्सेंट रहा है। दूसरी ओर हाउसहोल्ड सेक्टर की उधारी सालाना आधार पर 9 पर्सेंट बढ़ी है और इसकी हिस्सेदारी 50.2 पर्सेंट रही है।आरबीआई ने कहा है कि जून तिमाही तक बैंकों की कुल उधारी 100 लाख करोड़ रुपए रही है।
सरकारी बैंकों ने दिया 60 लाख करोड़ का कर्ज
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी 60 लाख करोड़ रुपए जबकि निजी बैंकों की हिस्सेदारी 35.5 लाख करोड़ रुपए रही है। विदेशी बैंकों की हिस्सेदारी 4.1 लाख करोड़ और छोटे फाइनेंस बैंकों की हिस्सेदारी 93 हजार 865 करोड़ रुपए रही है। बैंकों द्वारा उधारी में इस गिरावट का कारण कोरोना रहा है। इसकी वजह से कर्ज की मांग घट गई है। कम मांग और कर्ज फंसने की आशंका के कारण बैंकों ने अब कर्ज देने में सावधानी बरतनी शुरू कर दी है।
उधारी में 4 से 5 पर्सेंट लोन रिस्ट्रक्चर हो सकते हैं
रेटिंग एजेंसी केयर का अनुमान है कि भारतीय बैंक कुल उधारी में से 4-5 पर्सेंट उधारी को रिस्ट्रक्चर (पुनर्गठन) कर सकते हैं। जबकि वित्त वर्ष 2021 में लोन के अनुपात में ग्रॉस बुरे फंसे कर्ज (एनपीए) 11 से 11.5 पर्सेंट पर रह सकता है। आरबीआई ने कोविड-19 से जुड़े फंसे हुए असेट्स के लिए एक बार की रिस्ट्रक्चरिंग की स्कीम भी लांच की थी। हालांकि हर लोन अकाउंट इसके लिए योग्य नहीं है। केयर के मुताबिक, बैंक आगे उन लोन में तनाव देख सकते हैं जो कम रेटिंग वाले या दिक्कत वाले कॉर्पोरेट लोन हैं। साथ ही पर्सनल लोन भी इसमें योगदान कर सकते हैं। क्योंकि ये रिस्ट्रक्चरिंग के लिए योग्य नहीं हैं।
त्यौहारी सीजन में मांग बढ़ सकती है
हालांकि बैंकों को अनुमान है कि आनेवाले त्यौहारी सीजन में उधारी की मांग बढ़ सकती है। त्यौहारी सीजन में लोग ज्यादा खर्च करते हैं। साथ ही सरकार ने हाल में कर्मचारियों को 10 हजार रुपए बिना ब्याज के कर्ज देने की घोषणा कर दी है। इसलिए बैंकों का मानना है कि त्यौहारी सीजन में उधारी की मांग बढ़ सकती है। त्यौहारी सीजन में कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक्स, अपैरल सहित अन्य आइटम की अच्छी खासी बिक्री होती है। देश में बैंकिंग सेक्टर की कुल एक लाख 25 हजार 686 शाखाएं हैं। इसमें 90 शेडयूल्ड कमर्शियल बैंक हैं।
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बैंकों द्वारा दी जाने वाली उधारी की बढ़त (क्रेडिट ग्रोथ) में लगातार छठीं तिमाही में कमी आई है। जून तिमाही में यह 5.7 पर्सेंट रही है। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जारी आंकड़ों में दी है। बैंकों के पास इस समय कुल 141 लाख करोड़ रुपए की डिपॉजिट है। जबकि उधारी 100 लाख करोड़ रुपए है।
इंडस्ट्रियल सेक्टर की उधारी में आई कमी
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक (इंडस्ट्रियल) सेक्टर की उधारी जून तिमाही में सालाना आधार पर 0.6 पर्सेंट गिरी है। कुल उधारी में इसका हिस्सा 30.08 पर्सेंट रहा है। दूसरी ओर हाउसहोल्ड सेक्टर की उधारी सालाना आधार पर 9 पर्सेंट बढ़ी है और इसकी हिस्सेदारी 50.2 पर्सेंट रही है।आरबीआई ने कहा है कि जून तिमाही तक बैंकों की कुल उधारी 100 लाख करोड़ रुपए रही है।
सरकारी बैंकों ने दिया 60 लाख करोड़ का कर्ज
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी 60 लाख करोड़ रुपए जबकि निजी बैंकों की हिस्सेदारी 35.5 लाख करोड़ रुपए रही है। विदेशी बैंकों की हिस्सेदारी 4.1 लाख करोड़ और छोटे फाइनेंस बैंकों की हिस्सेदारी 93 हजार 865 करोड़ रुपए रही है। बैंकों द्वारा उधारी में इस गिरावट का कारण कोरोना रहा है। इसकी वजह से कर्ज की मांग घट गई है। कम मांग और कर्ज फंसने की आशंका के कारण बैंकों ने अब कर्ज देने में सावधानी बरतनी शुरू कर दी है।
उधारी में 4 से 5 पर्सेंट लोन रिस्ट्रक्चर हो सकते हैं
रेटिंग एजेंसी केयर का अनुमान है कि भारतीय बैंक कुल उधारी में से 4-5 पर्सेंट उधारी को रिस्ट्रक्चर (पुनर्गठन) कर सकते हैं। जबकि वित्त वर्ष 2021 में लोन के अनुपात में ग्रॉस बुरे फंसे कर्ज (एनपीए) 11 से 11.5 पर्सेंट पर रह सकता है। आरबीआई ने कोविड-19 से जुड़े फंसे हुए असेट्स के लिए एक बार की रिस्ट्रक्चरिंग की स्कीम भी लांच की थी। हालांकि हर लोन अकाउंट इसके लिए योग्य नहीं है। केयर के मुताबिक, बैंक आगे उन लोन में तनाव देख सकते हैं जो कम रेटिंग वाले या दिक्कत वाले कॉर्पोरेट लोन हैं। साथ ही पर्सनल लोन भी इसमें योगदान कर सकते हैं। क्योंकि ये रिस्ट्रक्चरिंग के लिए योग्य नहीं हैं।
त्यौहारी सीजन में मांग बढ़ सकती है
हालांकि बैंकों को अनुमान है कि आनेवाले त्यौहारी सीजन में उधारी की मांग बढ़ सकती है। त्यौहारी सीजन में लोग ज्यादा खर्च करते हैं। साथ ही सरकार ने हाल में कर्मचारियों को 10 हजार रुपए बिना ब्याज के कर्ज देने की घोषणा कर दी है। इसलिए बैंकों का मानना है कि त्यौहारी सीजन में उधारी की मांग बढ़ सकती है। त्यौहारी सीजन में कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक्स, अपैरल सहित अन्य आइटम की अच्छी खासी बिक्री होती है। देश में बैंकिंग सेक्टर की कुल एक लाख 25 हजार 686 शाखाएं हैं। इसमें 90 शेडयूल्ड कमर्शियल बैंक हैं।
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