बिहार चुनाव में इस बार भी महिलाओं और युवाओं की निर्णायक भूमिका होगी। 2010 के चुनाव में 51.1% पुरुषों ने जबकि 54.5% महिलाओं ने वोट दिए। वोटरों की कुल संख्या में युवाओं और महिलाओं की तादाद ही 60% के पार है। जिनकी ओर यह तबका झुकेगा, पलड़ा भारी हो जाएगा। जहां तक सत्ता पक्ष का सवाल है उसके पास इस जमात को आकर्षित करने के लिए शराबबंदी समेत तमाम मुद्दे हैं। इन वोटरों को अपनी ओर मोड़ने के लिए विपक्ष बेरोजगारी का सवाल उछाल रहा है।

सरकारी योजनाओं से बढ़ा वोट प्रतिशत

महिलाओं में वोट की दिलचस्पी का कारण सरकारी योजनाएं हैं। 2005 में नीतीश सरकार बनने के बाद महिलाओं के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। इस जीत ने नीतीश को महिलाओं की शक्ति का बोध कराया। यही कारण था कि साल 2015 में उन्होंने शराबबंदी तथा सात निश्चय योजना लागू करने का वादा किया।

नतीजा महिलाओं ने 243 में से 178 सीटें नीतीश के खाते में डाल दी। उस चुनाव में 60.57% महिलाओं ने वोट डाले वहीं पुरुषों की भागीदारी मात्र 53.32% रही। इस चुनाव में 18 से 19 साल के 75 लाख युवा मतदाता हैं। ये सभी पहली बार मतदान करेंगे।



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Election results will depend on more than 60% of young and female voters; On the side where he bowed, his pan was heavy

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