कटौझा स्थित बागमती पुल (रामवृक्ष बेनीपुरी सेतु) के निकट बागमती की तलहटी से बालू का अवैध खनन धड़ल्ले से दिन के उजाले में जारी है। औराई सीओ को भी पता है कि यहां बालू का अवैध खनन हो रहा है। लेकिन, खनन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। औराई सीओ ज्ञानानंद ने स्वीकार किया कि जिला आने-जाने के क्रम में उन्होंने बागमती की तलहटी में खनन होते देखा है।

माफिया के लोग इस बालू को स्थानीय बाजार में 5 सौ से 8 सौ रुपए प्रति ट्रॉली के हिसाब से बेचते हैं। नदी की तलहटी से बालू ढुलाई के लिए बजाप्ता जेसीबी की सहायता से ट्रैक्टर के लिए मार्ग तैयार किया गया है। जिससे दिन भर बालू ढुलाई करते ट्रैक्टर आते-जाते रहते हैं। सीओ ने कहा कि पूर्व में भी अवैध खनन का मामला सामने आया था। मामले की जांच कर बेदौल ओपी को सूचना दी जाएगी।

दिन के उजाले में जेसीबी और दर्जन भर ट्रैक्टर बालू खनन में लगे रहते हैं

हैरत की बात यह है कि एनएच-77 सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर मार्ग से सटे होने के कारण हर समय सीतामढ़ी एवं मुजफ्फरपुर के आलाधिकारियों का लगातार आना-जाना लगा रहता है। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं होना सवाल खड़े करता है। दिन के उजाले में बागमती की तलहटी में जेसीबी और दर्जन भर ट्रैक्टर खनन कार्य में लगे रहते हैं।

जहां अवैध मिट्‌टी कटाई व बालू खनन होता है, वहां से बेदौल ओपी की दूरी महज 2 किमी

बड़ी बात तो यह है कि जहां अवैध बालू खनन होता है, वहां से बेदौल ओपी की दूरी महज 2 किमी है। लेकिन, पुलिस की नजर भी बालू के अवैध कारोबार पर नहीं जा रही है। यही नहीं, अवैध बालू खनन व मिट्टी कटाई से पुल को भी खतरा है, क्योंकि मिट्टी की कटाई होते-होते अब पुल के पीलर से महज 200 से 300 मीटर की दूरी पर पहुंच गई है।

सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर दोनों जिलों के जिम्मेदार कार्रवाई के बजाय करते हैं टालमटोल

अवैध खनन का इलाका सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर की सीमा के निकट है। जिस कारण दोनों जिलों के जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय टालमटोल ज्यादा करते हैं। विगत सप्ताह खनन कर गुजर रहे ट्रैक्टर को सीतामढ़ी क्षेत्र से गुजरने पर रून्नीसैदपुर पुलिस ने खनन विभाग के निर्देश पर जब्त किया था। बाद में औराई का इलाका बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया।



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कटौझा में बागमती नदी की तलहटी में जेसीबी से अवैध बालू खनन करते माफिया के लोग।

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