जिलों में डूबने से काफी संख्या में लोगों की मौत हो रही है। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने ऐसी मौत की रोकथाम व इसका जोखिम कम करने तथा पूर्व तैयारी को लेकर एक कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत स्थानीय प्रशासन, पंचायत प्रतिनिधियों एवं अन्य संबंधित लोगों को जागरूक किया जाएगा।

प्राधिकरण एवं यूनिसेफ के संयुक्त प्रयास से गठित डीआरआर ई-एकेडमी प्रखंड स्तर पर वेबीनार आयोजित कर लोगों को डूबने से बचने के संबंध में जानकारी देगी। यह कार्यक्रम सीमांचल में पूर्णिया के अलावा अररिया, किशनगंज, कटिहार एवं रज्य के बक्सर, सीवान, सारण,मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, भागलपुर, शिवहर, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शेखपुरा, नालंदा, मुंगेर, लखीसराय, गोपालगंज, प चंपारण, पू चंपारण एवं सुपौल में भी अलग-अलग तिथि में आयोजित किए जाएंगे। पूर्णिया में इसका आयोजन 14 दिसंबर को होना है जिसके लिए जिलाधिकारी को स्थान चयन का निर्देश दिया गया है। जिले में वेबीनार का आयोजन 14 दिसंबर को सुबह 11.30 बजे से एक बजे तक होगा।

प्राधिकरण के अवर सचिव ने इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कार्यक्रम का आयोजन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी को भेजे पत्र में सचिव ने कहा है कि प्रत्येक वर्ष नदियों, तालाबों , नहरों आदि में डूबने की घटनाएं होती रहती हैं। इसमें बच्चों एवं किशोरों की अधिक मौत होती है। ऐसा देखा गया है कि ये घटनाएं अक्सर लापरवाही और असावधानी के कारण घटित होती है। इसलिए प्राधिकरण ने यूनिसेफ के सहयोग से इसकी रोकथाम के लिए नदी किनारे बसे लोगों को जागरूक करने की कवायद शुरू की है। नदी किनारे स्थित प्रखंडों में एक या अधिक स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर समुदाय एवं पंचायत प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा। कार्यक्रम में डूबने से बचाव के उपायों, डूबते हुए व्यक्ति को बचाने के तरीके, प्राथमिक उपचार आदि के संबंध में लाइव जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़ने के लिए गो टू मिटिंग एप भी लांच की गई है। स्मार्ट मोबाइल फोन या लैपटॉप में भी इसे इंस्टॉल कर भी इसे लाइव देखा जा सकता है।



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