स्वाधार गृह से 11 महिलाएं व उनके 4 बच्चाें के अपहरण के आराेप में बालिका गृह कांड के सजायाफ्ता ब्रजेश ठाकुर की रिमांड पर मंगलवार काे एससी/एसटी काेर्ट में सुनवाई हुई। विशेष लाेक अभियाेजक जयमंगल प्रसाद ने पुलिस का पक्ष रखा। न्यायालय ने प्राेडक्शन वारंट के लिए थानेदार काे नए सिरे से ऑनलाइन आवेदन देने के लिए कहा। आवेदन में महिला थानेदार काे बताना हाेगा कि ब्रजेश काे किस कांड में और किस न्यायालय से सजा हुई, फिलहाल वह किस जेल में बंद है।
उसके बाद ही पेशी के लिए काेर्ट से तिहाड़ जेल काे प्राेडक्शन वारंट जारी किया जाएगा। काेर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 7 दिसंबर रखी है। स्वाधार गृह कांड में न्यायालय में ब्रजेश की पेशी तिहाड़ जेल से वीडियाे कान्फ्रेंसिंग के जरिए हाेगी। मामले में ब्रजेश की राजदार मधु समेत 3 आराेपिताें की रिमांड हाे चुकी है। लेकिन, अब तक पुलिस ब्रजेश की पेशी नहीं करा सकी है। इस कारण उसके खिलाफ चार्जशीट के बिंदु पर भी कार्रवाई रुकी हुई है। काेर्ट में रिमांड के बाद ही चार्जशीट हाे सकेगी।
बता दें कि बालिका गृह कांड के खुलासे के बाद पुलिस ने ब्रजेश के एनजीओ से संचालित स्वाधार गृह का निरीक्षण किया था। पाया गया कि जिस संस्थान में 11 महिलाएं और उनके 4 बच्चे रही रहे थे, उसमें ताला लगा दिया गया। ये महिलाएं और बच्चे कहां गए इस संबंध में विभाग काे काेई जानकारी नहीं दी गई थी।
तब जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश शर्मा ने महिला थाने में अज्ञात के खिलाफ अपहरण की धाराओं में एफआईआर कराई थी। पुलिस ने जांच की ताे मामले में ब्रजेश व उससे जुड़े लाेगाें की संलिप्तता पाई गई।
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