प्लीज...अब ये हड़ताल चली तो मेरा बेटा नहीं चल पाएगा। ये कहना है समस्तीपुर की डौली झा का। बीते 7 दिनों से बेटे रौनक के इलाज के लिए पीएमसीएच आ रही है। रोज इस उम्मीद में कि शायद आज ये हड़ताल खत्म हो जाए।

लेकिन सोमवार को भी मायूसी ही हाथ लगी। बेटे को किडनी की बीमारी से पैर में जख्म हो गया है, जो तेजी से बढ़ रहा है। समस्तीपुर के डॉक्टरों का कहना है कि रौनक के पैर को बचाने के लिए जल्द ऑपरेशन जरूरी है। तलाकशुदा डॉली के पास इतने पैसे नहीं कि वह किसी निजी अस्पताल में रौनक का इलाज करा पाए।

डौली सिर्फ एक मां या महिला नहीं हैं। पीएमसीएच-एनएमसीएच के आसपास एेसी महिलाओं और लोगों की भीड़ है और डाॅक्टर आंखें बंदकर हड़ताल पर बैठे हैं। सोमवार को छठे दिन भी कोई नतीजा नहीं निकला। मंगलवार को भी हड़ताल जारी रहेगी। इधर, जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का इंटर्न के बाद अब आईएमए ने समर्थन कर दिया है। आईएमए बिहार के अध्यक्ष डॉ. बिमल कारक सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से मिले, लेेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

जेडीए सचिव डॉ. कुंदन सुमन का कहना है कि हम तो सिर्फ लिखित आश्वासन मांग रहे हैं। इस पर ध्यान हीं नहीं दिया जा रहा है। विभाग से सिर्फ लिखित आश्वासन मिलने का इंतजार है। आश्वासन मिले तो 10 मिनट में जूनियर डॉक्टर काम पर लौट जाने को तैयार हैं।

हड़ताल तोड़ने के लिए जो करना है करें...क्योंकि यहां दांव पर जान है

राेज मौत की खबरें छप रही हैं। परिजनों की मानें तो कारण डॉक्टरों की हड़ताल है। डॉक्टर ये सिद्ध करने में जुटे हैं कि हमारे बिना अस्पताल नहीं चल सकते। और प्रशासन ये जताने में लगा है कि आपके बिना भी काम चल सकता है। दोनों सही भी हैं और गलत भी। कैसे...क्याें ये तर्क बाद में। अभी तो सिर्फ अपील...डॉक्टरों से भी और सरकार से भी...हड़ताल तोड़िए...तुड़वाइए। क्योंकि, रोज इलाज की कमी से या तो कोई मौत हो रही है या कोई मौत की ओर बढ़ रहा है।

बतौर पीएमसीएच अधीक्षक हड़ताल तुड़वाने में जुटे बतौर आईएमए प्रेसीडेंट हड़ताल के समर्थन में हैं

जिनपर हड़ताल तुड़वाने की जिम्मेदारी है, वही जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में उतर आए हैं। आईएमए बिहार के अध्यक्ष के नाते पीएमसीएच के अधीक्षक डाॅ. बिमल कारक ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से मुलाकात की, लेकिन बात नहीं बनी। उन्होंने आईएमए बिहार की हैसियत से हड़ताली जूनियर डॉक्टरों का समर्थन किया।

जूनियर डाॅक्टर एसोसिएशन के सचिव डाॅ. कुंदन सुमन का कहना है कि आईएमए बिहार ने मौखिक में हमारा समर्थन किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. सहजानंद सिंह से भी बात हुई। वे बिहार से बाहर हैं। उनके निर्देश पर आईएमए बिहार ने समर्थन किया है। अधीक्षक का पद अलग है, इसलिए सरकारी निर्देशों का पालन कराना उनका कर्तव्य है और इसमें आईएमए की कोई भूमिका नहीं होगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
समस्तीपुर की डौली झा और उनका बेटा रौनक।

Post a Comment