सिंधु बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत को हत्या की धमकी देने के आरोप में रविवार काे गिरफ्तार किए गए खरमनचक के मानस मिश्रा को गाजियाबाद पुलिस अपने साथ नहीं ले जा सकी।

भागलपुर काेर्ट ने पुलिस काे ट्रांजिट रिमांड नहीं दिया। काेर्ट ने मानस काे 23 जनवरी को खुद कौशाम्बी कोर्ट में पेश होने को कहा है। मानस मिश्रा को गाजियाबाद ले जाने के लिए सोमवार को कौशाम्बी पुलिस ने भागलपुर कोर्ट में ट्रांजिट रिमांड की अर्जी दाखिल की, जिस पर न्यायालय ने यह व्यवस्था दी। मानस के खिलाफ 26 दिसंबर को भाकियू के प्रवक्ता अर्जुन बालियान ने कौशांबी थाने में तहरीर दी थी।

गाजियाबाद से युवक को गिरफ्तार करने आई थी पुलिस की टीम
मानस को गिरफ्तार करने आई कौशांबी थाने के एसआई अशोक कुमार, हेड कांस्टेबल राजकुमार आदि ने बताया कि भाकियू नेता राकेश टिकैत अभी सिंधु बार्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। उन्हें मानस ने माेबाइल पर जान से मारने की धमकी दी थी।

जिसके बाद टिकैत की ओर से उनके प्रवक्ता अर्जुन बालियान ने ऑडियो को आधार बनाकर एफआईआर कराई थी। उसके बाद गाजियाबाद पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव के निर्देश के बाद चार पुलिसकर्मी फ्लाइट से पटना पहुंचे और रविवार शाम को खरमनचक स्थित मानस मिश्रा को गिरफ्तार किया था।

आराेपी ने कहा-धमकी नहीं दी गंदी टिप्पणी पर बहस की थी
मानस ने बताया कि उन्होंने धमकी नहीं दी थी, लेकिन सोशल मीडिया पर राकेश टिकैत के एक जाति विशेष के खिलाफ की गई गंदी टिप्पणी पर बहस की थी। टिकैत ने मामले को तूल देते हुए राजनीति की रोटी सेंकते हुए मुझे गिरफ्तार करा दिया। मानस ने बताया कि वह राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा का जिलाध्यक्ष है। उसने दावा किया कि यह भाजपा से जुड़ा संगठन है। मानस इंजीनियर है और कुछ दिन पहले बेंगलुरू में एचएमटी में कार्यरत था। लॉकडाउन के बाद ही वह भागलपुर आ गया था।



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Rakesh Tikait did not get remand of the person who threatened to kill

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