लाॅकडाउन पीरियड में ऑनलाइन पढ़ाई से कितने छात्र जुड़े इसका रिकाॅर्ड टीएमबीयू के पास नहीं है। राजभवन ने टीएमबीयू से हर हफ्ते सिर्फ यह रिपाेर्ट ली कि शिक्षक पढ़ा रहे हैं या नहीं। पीजी हेड और प्राचार्याें ने शिक्षकाें काे ऑनलाइन कक्षा लेने और छात्राें काे ई-कंटेंट देने का निर्देश ताे दिया लेकिन यह माॅनिटरिंग नहीं हुई कि छात्र जुड़ रहे हैं या नहीं।

पूर्व रजिस्ट्रार अरुण कुमार सिंह के समय ही यह व्यवस्था हुई थी, लेकिन उन्हाेंने भी छात्राें से जुड़ी रिपाेर्ट नहीं मांगी। ऐसी काेई व्यवस्था बनी ही नहीं जिससे पता चले कि छात्र कक्षा में शामिल हाे रहे हैं या नहीं। बाद में राजभवन ने ऑडियाे-विजुअल क्लास लेने काे कहा ताकि छात्र सीधा जुड़ सकें। लेकिन ज्यादातर काॅलेजाें व पीजी विभागाें में यह सिस्टम शुरू ही नहीं हुआ।

अब जब पार्ट वन और टू का फार्म भरने का समय आया ताे यह पता ही नहीं चल रहा कि छात्राें का अटेंडेंस क्या है। जबकि नियम है कि फार्म भरने के लिए 75 फीसदी अटेंडेंस चाहिए। विवि अब राजभवन इस मामले में दिशा-निर्देश मांगने की तैयारी कर रहा है।

कुछ ही शिक्षकाें ने साेशल मीडिया पर जाेड़ कर छात्रों को पढ़ाया
कुछ शिक्षकाें ने साेशल मीडिया पर अपनी कक्षा के छात्राें काे जाेड़ा। ऐसे ग्रूप में पर जाे कंटेंट दिया जाता था। कुछ काॅलेजाें ने शिक्षकाें की अलग-अलग दिन ऑनलाइन कक्षा की सूची बनाई लेकिन कक्षा नहीं हुई।

बदलती रही व्यवस्था, पर काम नहीं आई
21 अप्रैल काे मिली साप्ताहिक रिपाेर्ट में 16 पीजी विभागाें के खाते में एक भी कंटेंट नहीं मिला। मई में कुछ शिक्षकाें का इंटरनेट कंटेंट मिला ताे एक काॅलेज ने नामांकन की सूची ही डाल दी थी। 22 अगस्त काे राजभवन ने ऑडियाे-विजुअल क्लास का निर्देश दिया। 5 से 10 अक्टूबर के बीच नाै काॅलेजाें और 33 पीजी विभागाें का खाता भी शून्य मिला था।

व्यक्तिगत रूप से छात्राें का बना ग्रुप
^व्यक्तिगत रूप से शिक्षकाें ने छात्राें का ग्रूप बनाया था और ई-कंटेंट देते थे। विवि के स्तर पर छात्राें की भागीदारी का रिकाॅर्ड बना ही नहीं। -डाॅ. केएम सिंह, सीसीडीसी



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टीएमबीयू (फाइल फोटो)

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