स्पेशल पॉक्सो जज रोहित शंकर की कोर्ट ने सोमवार को सबौर की एक नाबालिग लड़की से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने और गर्भपात कराने के दोषी मो. गफ्फार को 10 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने गफ्फार को दफा 313 और 4 पॉक्सो एक्ट में मुजरिम पाते हुए 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने डालसा को कहा कि वे पीड़िता को मुआवजे के रूप में साढ़े तीन लाख रुपए भी दे। साथ ही जुर्माने की रकम 20 हजार रुपए भी पीड़िता को देने के निर्देश दिए।
गफ्फार को 19 दिसंबर के कोर्ट ने मुजरिम करार दिया गया था। सरकार की ओर से स्पेशल पीपी शंकर जयकिशन मंडल ने कड़ी सजा की मांग की। जबकि मुजरिम की ओर से पन्ना सिंह ने पहला अपराध का वास्ता देकर कम सजा की मांग की। मामले में एफआईआर 12 फरवरी 2018 को सबौर थाने में दर्ज कराई गई थी।
मो. गफ्फार पर पीड़िता ने आरोप लगाया था कि वह उसके घर में घुसकर जबरन संबंध बनाए। शादी का लालच देकर फिर से संबंध बनाए। गर्भवती होने पर अबोर्सन करा दिया गया। कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए मुजरिम को 10 साल की सजा सुनाई।
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