आठ साल में 13.66 कराेड़ से बना चंपा नाला पुल हादसे को न्योता दे रहा है। पुल बनने के बाद दो साल में ही पुल का पहुंच पथ एक ही स्थान पर तीन बार धवस्त हो गया। पहुंच पथ के किनारे की मिट्टी ढह रही है। सड़क कटने की आशंका बढ़ रही है। मरम्मत के नाम पर ठेका एजेंसी दयाल हाईटेक ने हर बार मिट्टी भरकर किनारा दुरुस्त तो किया, लेकिन बोल्डर लगाकर स्थायी समाधान निकालने की कोशिश नहीं की।
अब तो एजेंसी एनएच अफसरों के निर्देश भी नहीं मान रही। अफसरों के निर्देश के बाद भी हालत जस की तस है। एनएच-80 पर 2011 में चंपा नाला पुल का निर्माण शुरू हुआ था। इसका एक पाया टेढ़ा होने से काम बंद हुआ तो दूसरे ठेकेदार को काम दिया गया। दयाल हाईटेक को निर्माण और पहुंच पथ बनाने की जिम्मेदारी मिली। 122 मीटर पुल 13.66 कराेड़ से मार्च 2019 में बनकर तैयार हुआ।
हालांकि पहुंच पथ बनने में और समय लगा। लेकिन कुछ ही दिनों में पहुंच पथ धवस्त हो गया। तब आनन-फानन में दुरुस्त किया गया। इसके बाद बाढ़ में दाेबारा यह पथ वहीं क्षतिग्रस्त हाे गया। कुछ दिन बाद फिर इसे बनाया, लेकिन अब हालात फिर पुरानी जैसी हो गई। जानकारों की माने तो बोल्डर से इसकी मरम्मत होनी है। लेकिन हर बार सिर्फ मिट्टी भरकर छोड़ी जा ही है। इससे वाहनों का दबाव नहीं झेल पाने से एक ही स्थान पर बार-बार पहुंच पथ टूट रहा है।
कब होगी मरम्मत, अफसर यह भी नहीं बता पा रहे हैं
चंपा नाला पुल और पहुंच पथ बनने में करीब एक दशक लगा। ऐसे में स्थानीय लाेगाें की आशंका है कि सही ढंग से मरम्मत अभी नहीं हुई तो पहले जैसे हालात बन जाएंगे। इसे लेकर कई बार अफसरों को जानकारी दी गई। कई बार खुद अफसरों ने इसे देखा, इसके बावजूद काम नहीं हुआ। इसकी मरम्मत कब हाेगी...अफसर भी यह नहीं बता पा रहे।जानकारों की माने तो अगर बाेल्डर से मरम्मत नहीं हुई और इस बीच निर्माण एजेंसी के मेंटेनेंस की समय सीमा खत्म हाे गई, ताे स्थिति वैसी ही रह जाएगी।
बेहद अहम है यह रास्ता
इस पहुंच पथ से रोजाना 3000 गाड़ियां गुजर रही हैं। यही रास्ता मुंगेर से पटना तक और अकबरनगर से अमरपुर के रास्ते बांका तक जाता है। बाइपास पास ही से गुजर रहा है। खराब सड़क हाेने और किनारा क्षतिग्रस्त हाेने से बड़े हादसे का खतरा बना हुआ है। अभी करीब 20 मीटर लंबा हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। देखरेख के अभाव में यह लगातर बढ़ रहा है।
ठेकेदार को करनी है मरम्मत, करवाएंगे
ठेका एजेंसी दयाल हाईटेक काे मरम्मत करनी है। एजेंसी काे बार-बार कहा है। अब तक मरम्मत नहीं की है। फिर से काम के लिए दबाव बनाएंगे। - मनोज कुमार पांडे, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर
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