शहर के विभिन्न सांस्कृतिक संगठनाें की ओर से रविवार काे हरिसभा चाैक स्थित मनियारी काेठी में सफदर सांस्कृतिक जमघट का साझा आयाेजन किया गया। शुरुआत जागृति बैरिया टीम के जनगीत, ये फैसले का वक्त है तू आ कदम मिला, ये इम्तिहान सख्त है तू आ कदम मिला... की प्रस्तुति से हुई।
जन सांस्कृतिक मंच के प्राे. अरविंद डे ने कहा कि सफदर हाशमी जनसंस्कृति के प्रतीक थे। समस्त जीवन जनता काे अपने हक अधिकार के लिए जागृत करते रहे तथा शाेषण, दमन व उत्पीड़न के खिलाफ मुखर हाेकर अपनी बात कहने से कभी पीछे नहीं हटे। अखिल भारतीय जनवादी सांस्कृतिक सामाजिक माेर्चा के अध्यक्ष डाॅ. रविंद्र कुमार रवि ने कहा कि सफदर हाशमी ने अपना सारा जीवन जनता की बेहतरी तथा सुंदर समाज निर्माण के लिए समर्पित था।
मौके पर स्वाधीन दास, कामेश्वर प्रसाद दिनेश, कृष्ण माेहन, संजीत किशाेर, संजीव साेनी, रमेश रत्नाकर, माे. इश्तयाक, सुनील कुमार, आनंद पटेल, अनिता कुमारी, माे. जमाल, विजय मित्रा, प्रभाकर तिवारी, विभाकर विमल, नीरज प्रकाश, नारायण कुमार, सुमन वृक्ष, विनय कुमार वर्मा, विनाेद रजक, अखिलेश कुमार, अवधेश कुमार, उपस्थित थे। इस दौरान मेरू एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्टस, प्रतिकल्प एवं लाेकधर्मी, आकृति रंग संस्थान व भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) के कलाकारों की तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।
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