बांका शहर के आरएमके हाईस्कूल के मैदान में रविवार को 70 वीं मोइनुल हक राज्य स्तरीय फुटबॉल टूर्नामेंट का फाइनल मैच खेला गया। फाइनल मैच पटना बनाम दानापुर रेल टीम के बीच हुआ। जिसमें पटना ने दानापुर रेल को 3-0 से हराकर मोइनुल हक कप के ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया। वहीं मैच का शुभारंभ आस्था फाउंडेशन के चेयरमैन कौशल सिंह ने दाेनों टीमों के खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर किया।

इसके पश्चात कौशल सिंह ने बॉल को किक मारकर मैच काे प्रारंभ किया। वहीं इस टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर भागलपुर की टीम रही, जबकि चौथे स्थान पर समस्तीपुर की टीम रही। फाइनल मैच को देखने के लिए आरएमके मैदान में हजारों की तायदाद में दर्शक मौजूद थे।

दानापुर रेल एक भी गोल नहीं कर पाया

आरएमके मैदान में फाइनल मैच पटना बनाम दानापुर रेल की बीच खेला गया। जिसमेें पटना ने दानापुर रेल टीम को 3-0 से पराजित किया। दानापुर रेल की टीम ने टॉस जीतकर साइट लिया। 90 मिनट के निर्धारित मैच के पहले राउंड में दोनों टीमों की ओर से एक भी गोल नहीं किया गया। जिसके बाद मैच के दूसरे राउंड में पटना के जर्सी नंबर 11 अभय राय ने 62 वें मिनट में गोल कर टीम का खाता खोल दिया। वहीं 80 वीं मिनट में पटना के जर्सी नंबर 10 कप्तान गुलशन ने गोल कर दानापुर रेल टीम पर दबाव बना दिया।

मैच के आखिरी 90वें मिनट में पटना के जर्सी नंबर 9 मो. अरीज ने गोल कर टीम को 3-0 से जीत दिलाकर 70 वीं मोइनुल हक कप राज्य स्तरीय फुटबॉल टूर्नामेंट पर कब्जा कर लिया। मैच में दानापुर रेल टीम के िखलाड़ियों ने गोल करने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन एक भी गोल नहीं कर पाई।

मैच में निर्णायक की भूमिका में रवि रंजन, शिव्रवत गौतम, नवीण उत्त्पल ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

पटना के नेशनल रेफरी को सम्मानित करते आस्था फांउडेशन के चेयरमैन कौशल सिंह।

बेहतर खेलने वालों की होती है हर मैच में जीत : कौशल सिंह

70 वीं मोइनुल हक फुटबॉल टुर्नामेंट के फाइनल मैच में पटना की टीम को जीतने पर मुख्य अतिथि आस्था ग्रुप के संस्थापक व अंग किसान मोर्चा के संयोजक कौशल सिंह ने विजयी टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बेहतर खेलने वालों की जीत होती है, लेकिन हारने वाले टीम को निराश नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बांका में खेलों के प्रति युवाओं में जागरूकता बढ़ रही है, उसको देखते हुए जिला में एक भव्य स्टेडियम का होना लाजमी हो गया है। जिससे फुटबॉल सहित अन्य खेलों में गांव की प्रतिभा शहर तक और शहर के बाद देश की पटल पर पहुंच सके। पढ़ने के साथ-साथ खेल भी जरूरी है, जिससे शारीरिक व मानसिक विकास हो सके।

ट्रॉफी के साथ पटना की टीम।

आरएमके मैदान में फाइनल मैच के खेलते दानापुर रेल टीम व पटना टीम।

टूर्नामेंट में लगी तीन हैट्रिक

फाइनल में पटना ने दानापुर रेलवे को 3-0 से हराया। बिहार फुटबॉल संघ के महासचिव सैयद इम्तियाज हुसैन ने बताया कि टूर्नामेंट में 40 टीमों ने हिस्सा लिया। बांका जिले के तीन खेल मैदानाें पर टूर्नामेंट में कुल 42 मैच खेले गये, जिसमें विभिन्न टीमों ने 89 गोल दागे। पूरे टूर्नामेंट में तीन हैट्रिक लगा, जिसमें दो हैट्रिक अकेले अरवल टीम के अविनाश कुमार ने मारा। पांच बार की चैम्पियन दानापुर रेलवे के कप्तान अजय कुमार शर्मा ने अपनी टीम के हार पर कहा कि वह हार से निराश नहीं है, बल्कि आगे और मेहनत करेंगे। पटना टीम के कप्तान गुलशन सिंह के विनर ट्रॉफी को उठाते ही पूरे टीम ने जश्न मनाना शुरू कर दिया।



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Banka News - patna beat danapur rail 3 0 in final
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