पटना.स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 लीग में हमारा पटना अपनी स्थिति में सुधार नहीं कर पाया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी की गई सूची में पटना को एक बार फिर 46वां स्थान मिला है। इंदौर टॉप पर है । इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में राजधानी के पिछड़ने का सबसे बड़ा कारण सूखा व गीला कचरा को अलग कर पाने में कामयाबी नहीं मिल पाना रहा है। नगर निगम की ओर से इस दिशा में पिछली सशक्त स्थायी समिति की बैठक में विशेष रूप से चर्चा की गई है। अब इस दिशा में और कदम उठाए जाने की बात कही जा रही है।

सफाई में ढिलाई से पटना ने गंवाए अंक, पहली तिमाही में 117 मिले थे, इस बार 78

पटना नगर निगम की ओर से सफाई कार्य में ढिलाई के कारण स्वच्छता रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं होता दिख रहा है। गीले कचरा के निस्तारण के लिए कंपोस्ट पिट का निर्माण कार्य पूरा कराने में भी निगम प्रशासन को कामयाबी नहीं मिल पाई है। वहीं, खुले में शौच से मुक्त कराने का अभियान भी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया है। इस कारण इस बार राजधानी पटना को स्वच्छता सर्वेक्षण के अंक भी गंवाने पड़े हैं। पहली तिमाही में पटना को जहां 117.69 अंक मिले थे, वहीं दूसरी तिमाही में 78.76 अंक ही मिल पाए हैं।

ठोस कचरा प्रबंधन पर देंगे जोर: मंत्री
नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग के आंकड़ों को लेकर निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि शहरी विकास के लिए लगातार सरकार के स्तर पर विशेष रूप से काम किया जा रहा है। नगर निकायों में नए साल में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर सबसे अधिक काम होगा। इसके लिए निकायों के स्तर पर बनी योजनाओं को लागू कराने की दिशा में तेजी से काम कराया जाएगा। मुजफ्फरपुर में हम दो सेविंग मशीन दे रहे हैं, जिससे सड़कों की सफाई होगी।



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सफाई में ढिलाई से पटना ने गंवाए अंक।

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