ओबरा के बेल रोड स्थित लक्ष्मी पब्लिक स्कूल में मंगलवार को भारत के संविधान विषय पर सेमिनार आयोजित की गई। जिसमें बच्चों ने विचार विमर्श किया। सेमीनार में बच्चों का तीन दल अ, ब व स भाग लिया। वहीं निर्णायक की भूमिका प्रधानाचार्य अमृतांजलि व दुर्गेश प्रसाद ने किया। सेमीनार में बेहतर ढंग से संविधान विषय पर विचार विमर्श करने में दल अ प्रथम, द्वितीय दल स व दल ब तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रथम स्थान प्राप्त करने पर दल अ के तनु कुमारी, मुस्कान कुमारी व प्रेम कुमार को, द्वितीय स्थान प्राप्त करने दल स के सुधांशु कुमार, सोनू कुमार व गिरिधर कुमार को, तृतीय स्थान प्राप्त करने पर दल ब के सिधिमा कुमारी, सचिन कुमार व प्रिंस कुमार को सम्मानित किया गया।
सेमीनार के दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं को संविधान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की खुबसूरती है। भारत का संविधान सभी देशों से अलग है। इसके साथ-साथ प्रधानाचार्य बच्चों को संविधान के कर्तव्यों व मूल्यों से अवगत कराया। कहा कि सभी को संविधान के कर्तव्यों व मूल्यों का पालन करनी चाहिए। भारत के संविधान में व्यक्तियों को अनेक धार्मिक, विश्वासों, मान्यताओं, तथा परंपराओं को स्वतंत्रता पूर्वक आचरण करने का अधिकार प्रदान किया गया है। प्रत्येक व्यक्ति को यह अधिकार है कि, वह अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म का अनुयायी हो सकता है। व्यक्ति स्वेच्छा से कोई अन्य धर्म भी स्वीकार कर सकता है।
शिक्षा के साथ-साथ बच्चों में नैतिक शिक्षा भी जरूरी
सेमीनार के दौरान प्रधानाचार्य ने कहा कि बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा भी जरूरी है। बच्चों को बेहतर तरीके से समाज व देश के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। सिर्फ किताबी शिक्षा से बच्चों का विकास संभव नहीं है। इसलिए स्कूल में समय-समय पर सामाजिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। ताकि बच्चों में लोग व समाज की समझ जागृत हो।
कार्यक्रम में शामिल निर्णायक मंडली के सदस्य।
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