डिग्री की परीक्षाओं में प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति को लेकर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को आवेदन दिया है।डीएम को दिए आवेदन में ग्रामीण प्रमोद साह,भरत साह,महेश कुमार,सुरेश यादव,झुन्नु महतो,भगत महतो, अशोक कुमार,नरेश राम,अमेरिका राम,अवधेश पासवान,प्रखर कुमार आदि ग्रामीणों ने कहा है कि जिले के कतिपय प्रारंभिक शिक्षक विद्यालय में शिक्षण कार्य की बजाए हमेशा परीक्षा ड्यूटी के लिए प्रय|शील रहते हैं। खासकर डिग्री की परीक्षाएं लंबी चलती हैं। ऐसी स्थिति में जिले के बगहा,गौनाहा,रामनगर,नरकटियागंज,योगापट्टी,सिकटा आदि दूरदराज प्रखंडों के शिक्षक विद्यालय नहीं जाने के लिए जिला शिक्षा कार्यालय की मिलीभगत से अपनी ड्यूटी परीक्षा कार्य में लगवा लेते हैं। इसकी वजह से स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित होता है। सरकारी विद्यालयों में अधिकांशत गरीब गुरबा व ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे अध्ययन-अध्यापन करते हैं। शिक्षकों के नहीं रहने की वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। डीएम के साथ-साथ ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को भी शिकायत पत्र भेजा है।
कुछ शिक्षक हर परीक्षा में बजाते हैं ड्यूटी
जिले में शिक्षकों का एक खास संवर्ग सिर्फ प्रतिनियुक्ति को लालायित रहता है। प्राय: हर परीक्षा में ये शिक्षक सक्रिय रूप से अपनी ड्यूटी लगवा लेते हैं। मैट्रिक,इंटर,डिग्री से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक कुछ खास शिक्षकों की ही ड्यूटी लगती है। ये शिक्षक जिले के विभिन्न प्रखंडों में पदस्थापित हैं। विद्यालय जाने की जगह परीक्षा ड्यूटी के प्रति ज्यादा सक्रिय रहते हैं। जिला शिक्षा कार्यालय भी ऐसे शिक्षकों पर मेहरबान रहता है। स्पष्ट रूप से प्रतिनियुक्ति पर रोक लगाया हुआ है।
परीक्षा ड्यूटी के नाम पर निजी कामों रहते हैं व्यस्त
डीएम को दिए आवेदन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि डिग्री की परीक्षा के नाम पर प्रतिनियुक्त अधिकांश शिक्षक परीक्षा ड्यूटी की जगह निजी कार्यों में व्यस्त हो जाते हैं। महाविद्यालयों की परीक्षाएं वहां के शिक्षकों, कर्मियों व पूर्व छात्रों के भरोसे संचालित होती हैं। कुछ शिक्षकों को छोड़ अधिकांश शिक्षक न विद्यालय जाते हैं न परीक्षा ड्यूटी ही करते हैं। परीक्षा केंद्रों से सेटिंग-गेटिंग कर ये शिक्षक घर पर रहते हैं।
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