कुलियतुस्सालेहात स्कूल में बुधवार को मैट्रिक विद्यार्थियों को विदाई दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थापक मो. जफीरुद्दीन ने की। मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त जुबेरुल हसन गाफिल, विशिष्ट अतिथि बार एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र मिश्रा, अल्हाज बजहुल रहमान, अरशद हुसैन, शाहिद आलम और शम्स आजम थे।

कार्यक्रम की शुरुआत फलक नाज ने तिलाबते कुरआन से की। कार्यक्रम में सचिव मो.मोहसिन ने बताया कि 32 छात्राओं ने मैट्रिक की परीक्षा दी है। बच्चियों को पढ़ाई से लेकर हर एक प्रकार की तहजीब की जानकारी शिक्षकों द्वारा दी जाती है। उनके जीवन में खुशहाली और आगे बढ़े, इसी दुआ के साथ उन्हें विदा किया जा रहा है। कुरआन इन्हें तोहफे के रूप में दिया गया है। ताकि ये इसको पढ़कर जिंदगी को इसके अनुरूप ढालें। विदाई समारोह में समरीन फारूक ने नाथसरीफ पढ़ा। सादिया फातिमा और नाबिया ने हिंदी और उर्दू में मेहमानों का स्वागत किया।

भ्रूण हत्या पर बच्चियों ने की कविता पाठ: शबनम शकूर ने लड़कियों की भ्रूण हत्या पर भावपूर्ण भाषण दिया। शबनम ने कहा सारी दुनिया को अगर एक शब्द में लिखा जाए तो सिर्फ बेटी लिखना काफी होगा। उन्होंने कहा अब भी समाज में लड़कियों के साथ भेदभाव किया जाता है, लेकिन जरूरत के समय लेडी डॉक्टर को ढूंढते हैं अगर लड़की नहीं पढ़ेगी तो डॉक्टर कहां से आएगी। भ्रूण हत्या पर पढ़ी गई कविता ने लोगों को भावुक कर दिया। शबनम शकुर ने भ्रूण हत्या पर कविता का पाठ करते कहा कि मां मैं भी जीना चाहती हूं तेरे आंचल के छांव में, रहना चाहती हूं मत भेज मुझको अपने से दूर, मैं भी दुनियां में रहना चाहती हूं।

मैट्रिक परीक्षा देने वाली इन छात्राओं को दी गई विदाई

शहरुन, बुशरा रहमान, जूही, आशा इफ्तेखार, शबाना, नेहा आफरीन, मोहासरा, नाफिया सना, आलिया फातमा, मेहनाज, गुल निगार कमर, नायाब जुबेर, कहकशा, फरीदा खानम, गुलशेरा, फलक नाज, सायमा, नाजिया रिजवी, सुल्ताना, दिलकश अंजुम, कशिश सबा, सीमा अली, गुलिस्तान नाज, रफत फिरदोस, रफिया, खुशनुमा, गुलसबा, सदफ, शायिका समा, रौनक, सबा शबनम, नरगिस फातिमा आदि को विदाई दी गई।

कुलियतुस्सालेहात स्कूल के विदाई समारोह में मंचासीन अतिथि।

बुधवार को आयोजित विदाई समारोह में बैठीं छात्राएं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Araria News - 32 matriculation students farewell with tilavat quran
Araria News - 32 matriculation students farewell with tilavat quran

Post a Comment