बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के तत्वाधान में टेट प्रारंभिक शिक्षक संघ ने सामूहिक मुंडन कराकर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। शिक्षकों ने पूर्ण वेतनमान, सहायक शिक्षक सहित राज्य कर्मी का दर्जा दिए जाने की मांग की। शिक्षकों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पारा 78 के द्वारा बिहार सरकार के टेट शिक्षकों को दिए जा रहे वर्तमान पे- स्केल को अस्वीकार कर दिया है। क्योंकि टेट शिक्षकों राइट टू एजुकेशन के सभी मानकों को पूर्ण करते हैं। उन्हें सहायक शिक्षक का दर्जा देने का निर्देश दिया गया है। हाई कोर्ट पटना ने भी इस मामले में आदेश दिया है। कैमूर जिले के टेट शिक्षकों ने लिछवी भवन के समीप धरना स्थल पर सामूहिक मुंडन कार्यक्रम और नुक्कड़ नाटक का आयोजन करते हुए अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की। जिसकी अध्यक्षता महासचिव शैलेश सिंह एवं संचालन मुन्ना राम ने किया। इस दौरान सभी के शिक्षक शिक्षिकाओं ने अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने कहा कि शोषण बंद नहीं होने पर यह आंदोलन और तेज किया जाएगा। आरटीई और एनसीटीई के मानक को पूरा करने वाले टेट शिक्षकों को उच्चतम न्यायालय एवं पटना उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए अन्य राज्यों के तर्ज पर पूर्ण वेतनमान एवं सहायक शिक्षक सहित राज्य कर्मी का दर्जा जल्द प्रदान किया जाए। इस मौके पर जिला संयोजक देवेंद्र यादव,घनश्याम पांडे धर्मेंद्र पांडे, सुनील कुमार,अरविंद कुमार,अमित पांडे, अभिषेक कुमार सिंह, कुमारी सीता, रेनू पांडे, सहित कई शिक्षक मौजूद रहे।
शिक्षकों के साथ सरकार कर रही अन्याय
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार प्रसाद ने कहा कि शिक्षकों के विरुद्ध सरकार का अन्याय जारी है। सर्वोच्च न्यायालय से लेकर सदन तक शिक्षकों के साथ जो व्यवहार हो रहा है वह किसी त्रासदी से कम नहीं है। प्रशिक्षित शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष दिलीप पटेल ने कहा कि यह आंदोलन केवल वेतनमान की नहीं बल्कि आने वाले नस्ल की लड़ाई है। समन्वय समिति के संयोजक प्रवीण कुमार ने कहा कि शिक्षक अपने मान सम्मान के लिए हड़ताल में शामिल हुए हैं। भभुआ प्रखंड अध्यक्ष शिव मुनि कुमार ने कहा कि नीतीश सरकार ने शिक्षकों को धोखा देने का काम किया है।
सर मुड़ाते टेट प्रारम्भिक शिक्षक।
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