अब कुत्तों के काटने से रैबीज के चपेट में आने का खतरा नही रहेगा। क्योंकि शीघ्र पशु स्वास्थ्य महकमा आवारा सहित पालतू कुत्तों को विशेष वैक्सीन से प्रतिरक्षित करेगा। इससे कुत्तों के काटने से रैबीज होने का खतरा न के बराबर होगा। यह कवायद पशु पालन विभाग की ओर से शुरू कर दी गई है। वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद कुत्तों का टीकाकरण की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक जानकारी के मुताबिक अकेले जिला अस्पताल में 20 से 30 मरीज प्रतिदिन कुत्ता काटने की शिकायत लेकर पहुंचते हैं। उन्हें चिकित्सक एंटी रैबीज इंजेक्शन देने की सलाह देते हैं। ऐसे मे मरीजों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन देने पर प्रति मरीज करीब साढ़े तीन सौ से 400 रुपए के बीच खर्च आता हैं। इसका भी बचाव होगा। अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि सभी कुत्तों के काटने से रैबीज होने का खतरा नहीं रहता। जिन कुत्तों में रैबीज के विषाणु होते हैं उनके काटने से ही खतरे की संभावना रहती है। हालांकि एहतियात के तौर पर ज्यादातर मरीज एंटी रैबीज इंजेक्शन लेते हैं।
जिले में शीघ्र शुरू होगा टीकाकरण का कार्य
जिला पशुपालन पदाधिकारी अरविंद कुमार सिन्हा की माने तो विभाग की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। विभागीय दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। वैक्सीन उपलब्ध होते ही कुत्तों को वैक्सीनेशन की जाएगी। खासकर ऐसे कुत्तों को आवश्यक तौर पर रैबीज इंजेक्शन दिए जाएंगे जो आवारा किस्म के हैं। क्योंकि इनके काटने का खतरा अधिक होता है। यह कुत्ते शहर व गांव में बेरोकटोक दौड़ते रहते हैं।
सड़कों पर घूमते कुत्ते
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