कोरोना को जड़ से समाप्त करने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के 21 दिन बीत चुके हैं।साथ ही इस 21 दिन की अवधि का विस्तार भी कर दिया गया है। इस लंबी अवधि तक देश के समस्त उद्योग धंधे तथा समस्त सामाजिक गतिविधियों के बंद होने के कारण समाज के एक बड़े वर्ग के समक्ष आर्थिक संकट भी उत्पन्न हो गया है। रोज कमाने खाने वालों के सामने तो स्थिति और भी विकट है, किंतु फिर भी देश का प्रत्येक नागरिक चाहे वह बूढ़ा हो या जवान देश के लिए अपने को समर्पित कर चुका है। प्रधानमंत्री ने समस्त जनता से यह अपील की है कि संकट की इस घड़ी में “प्रधानमंत्री आपदा कोष’’में अपने सामर्थ्य भर मदद करे। इसी कड़ी में शहर के द डिवाइन पब्लिक स्कूल दो छात्रों आदर्श तथा कनिष्क ने देशभक्ति की एक अद्भुत मिसाल पेश की है।
प्रधानमंत्री के आग्रह को सुनकर उनसे प्रभावित होकर इन दोनों छात्रों ने अपने गुल्लक में जमा पैसों को प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा किया। 9 वर्षीय आदर्श स्कूल के सह निदेशक अखिलेश कुमार के पुत्र हैं वह अपने गुल्लक में रखे तीन हजार चार सौ पंद्रह रुपए व उसके छोटे भाई कनिष्क ने छह हजार एक सौ 91 रुपए गुल्लक से निकाल सासाराम जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय में उप जमाकर्ता अनु पांडेय को सौपे। जिस उम्र में बच्चे खाने और खिलौनों पर अपने गुल्लक के पैसे खर्च करते हैं उस उम्र में राष्ट्रभक्ति की ऐसी भावना लोगों को प्रेरित कर रही है। इन दोनों बालकों के पिता भी इनकी देशभक्ति के कायल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि जब देश के बालकों में ऐसी उद्दात्त भावना का समावेश हो जाएगा तो देश किसी भी विषम परिस्थिति में डगमगा नहीं सकता। दो बच्चों के जुनून देख अधिकारी ने कहा कि ऐसे ही हारेगा कोरोना... बच्चों के हौसले को लेकर शहर के अन्य लोगो को भी सिख मिल रही है
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