थाना अंतर्गत बाद व तिथौ गांव के बाधार में आग लगने से खेत मे लगी गेंहूं का फसल जल कर राख हो गयी। वही किसान भुखमरी को लेकर कलेजे पर हाथ रख बैठ गए। ग्रामीणों की सूचना पाकर दमकल के साथ कर्मी पहुंचने ही वाले थे कि इसके पहले ही ग्रामीणों ने किसी तरह लाठी, डंडे के अलावे पेड़ की हरी झाड़ियों से आग की लपटों पर पटक पटक कर काबू पाया लिया था। आग पर काबू पाते ही अन्य खेतों में लगी फसल बचते देख किसान राहत की सांस लिए। हालांकि आग लगने का कारण खबर लिखे जाने तक स्पष्ट नहीं हो सका है। ग्रामीणों ने बताया कि दोपहर में बाद, तिथौ व गम्हरियां गांव के बीच की बाधार में गेंहूं लगे फसल से आग की लपट उठते देख लोगों ने हल्ला करना शुरू किया। जिसे सुनते ही आस पास के तीन गांव के ग्रामीण आग पर काबू पाने में जुट गए।

तिथौ के अनिल सिंह, बाद के पूर्व फौजी बीरेंद्र सिंह ने बताया कि काफी संख्या में जुटे ग्रामीणों ने उस चिलचिलाती धूप में भी चारों ओर से लाठी- डंडा व पेड़ की हरी झाड़ियां लेकर आग पर काबू पाने में जुट गए। बाकी कुछ लोग आग के चपेट में आए खेतों के बगल वाले खेतों से गेंहूं को डंठल समेत काट कर हटाने लगे। इस बीच दमकल के साथ अग्नि शमन के कर्मियों को वहां पहुंचने पर लोगों ने राहत की सांस ली। इन ग्रामीणों के मुताबिक लगभग पांच - छह बीघा खेत मे लगे गेहूं की फसल पूरी तरह जल गए हैं। प्रभावित किसानों में गम्हरियां के मनोज यादव व उमेश यादव, तिथौ के पप्पू रजवार, रामफल रजवार, सिकन्दर रजवार, बिनोद सिंह, संतोष सिंह व चिल्हा के ज्योति महतो शामिल हैं। जिनमें कई बटाईदार किसान हैं। स्थानीय सीओ रवि राज ने कहा कि क्षतिपूर्ति का आकलन कर मुआवजा दिया जाएगा।



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Fire of standing wheat crop due to fire, confidence of compensation

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