पटना मेट्रो निर्माण पर कोरोना इफेक्ट दिखने लगा है। पिछले महीने ही पटना मेट्रो को लेकर हुई उच्चस्तरीय बैठक में मेट्रो के निर्माण में तेजी लाने के लिये कई आवश्यक कदम उठाए गए थे। पटना मेट्रो का निर्माण करने वाले दिल्ली मेट्रो (डीएमआरसी) को पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (पीएमआरसी) डेडलाइन तय करते हुए तेजी से काम करने के निर्देश दिए थे।

पर कोरोना को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन किया तो पटना मेट्रो का काम रुक ही गया है। जो हालात है उससे अब लग रहा है कि 6 महीने में पटना मेट्रो के लिए जमीन अधिग्रहण की समय सीमा अब बढ़ानी पड़ेगी।


पटना जिला प्रशासन के भू अधिग्रहण से जुड़े अधिकारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर अधिकतम छह महीने में काम पूरा करने का निर्देश दिया गया था। भू-अर्जन तेजी से करने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करना था। मैन पावर आउटसोर्सिंग के आधार पर तैनात करने थे। दिल्ली मेट्रो को को भी पटना मेट्रो के लिए आवश्यक सभी निजी या सरकारी जमीन के हस्तांतरण का प्रस्ताव 15 अप्रैल तक मुहैया कराना था।


लॉकडाउन के कारण सभी काम प्रभावित
मेट्रो निर्माण के दौरान एक भी पेड़ नहीं काटते हुए आवश्यक पेड़ों का ट्रांसलोकेशन की कार्रवाई शुरू करनी थी। डीएमआरसी को बिजली के पोल, तार आदि से जुड़े मामलों को लेकर बिजली बोर्ड से एनओसी लेने के लिये एसबीपीडीसीएल (साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी) तथा बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी के साथ विशेष बैठक कर मामले को तेजी से सलटाना था पर लॉकडाउन के कारण ये सभी काम प्रभावित हो गए हैं। निर्माण से जुड़े कार्यालयों में काम नहीं होने से पीएमआरसी के अधिकारियों का कहना है कि ये काम कब फिर से शुरू होंगे, अभी कहना कठिन है।



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(प्रतीकात्मक तस्वीर) पटना जिला प्रशासन के भू अधिग्रहण से जुड़े अधिकारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर अधिकतम छह महीने में काम पूरा करने का निर्देश दिया गया था।

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