बिहार में लॉकडाउन 2.0 के लिए जारी केंद्र सरकार की शर्तों को हूबहू लागू होंगी। गृह सचिव आमिर सुबहानी ने गुरुवार को इस आशय का निर्देश जारी किया है। इस हिसाब से पटना में 3 मई तक ही नहीं, आगे भी कोई छूट नहीं मिलेगी। नियम और शर्तें बदलीं तभी कुछ राहत संभव है। नियम कहता है कि जिले में जिस तारीख को 1 भी करोना का मरीज मिला और सात दिनों के अंदर संख्या दोगुनी नहीं हुई तो जिला आरेंज जोन में रहेगा।

यानी शहर में जिस हिसाब से नियंत्रित गतिविधियां चल रहीं हैं वैसे ही चलती रहेंगी। पटना में कोराना का एक मरीज बुधवार को सुल्तानगंज इलाके में सामने आया। अब संकट यह है कि सात दिनों में जिले में कोरोना मरीजों की संख्या दोगुनी यानी 1 बढ़कर दो या ज्यादा हुई तो केंद्रीय गाइडलाइन के अनुसार जिला रेड जोन क्लस्टर की श्रेणी में आ जाएगाऔर तब लॉकडाउन के नियम और सख्त हो जाएंगे।

जिलों के वर्गीकरण के आधार

  • सीवान, मुंगेर, बेगूसराय और गया जहां लाल घेरे में है,वहीं गोपालगंज, नवादा, भागलपुर, सारण, लखीसराय, नालंदा, वैशाली, बक्सर व पटना औरेंज जोन में है। बाकी 25 जिले ग्रीन जोन में है।
  • स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि 20 अप्रैल के बाद 25 जिलों में जहां कोरोना के एक भी केस नहीं मिले हैं वहां किन-किन क्षेत्रों किस तरह छूट दी जाएगी इसका निर्णय होगा।


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नियम कहता है कि जिले में जिस तारीख को 1 भी करोना का मरीज मिला और सात दिनों के अंदर संख्या दोगुनी नहीं हुई तो जिला आरेंज जोन में रहेगा।

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