गोह थाना के अकौनी गांव में पुलिस व मेडिकल टीम पर हमला करने वाले 44 लोगों को मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने रिमांड के लिए कोर्ट भेज दिया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तार लोगों में 21 पुरूष, 14 महिला व 9 नाबालिग शामिल हैं। गोह थाना में इस मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है। पहला एफआईआर अकौनी गांव निवासी सुखदेव साव के बयान पर कांड संख्या 50/20 दर्ज की गई है। जिसमें 16 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। जबकि दूसरा एफआईआर गोह बीडीओ संजय पाठक के बयान पर कांड संख्या 51/20 दर्ज की गई है। जिसमें 26 लोगों को नामजद और44 अज्ञात लोगों को आराेपी बनाया गया है। वहीं तीसरा एफआईआर गोह थानाध्यक्ष मनोज कुमार के बयान पर कांड संख्या 52/20 दर्ज की गई है। जिसमें 59 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है।
बेरहमी से पीटने वालों को हो सकता है आजीवन कारावास
थानाध्यक्ष मनोज कुमार के बयान पर जो मामला दर्ज किया गया है, उनमें आईपीसी के कई गंभीर धाराएं लगायी गई है। आरोपियों पर आईपीसी के धारा 147, 148, 149, 341, 342, 323, 324, 325, 333, 337, 338, 353 व हत्या के प्रयास मामले में आईपीसी के धारा 307 भी लगाया गया है। इसके साथ-साथ सेक्शन 3 एवीडेंस क्लासेस एपेडिमिक डिजीज 1897 लगाया गया है। जिले के चर्चित अधिवक्ता मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इनमें से कई अजमानतीय व गंभीर धाराएं लगायी गई है। अगर यह मामला कोर्ट में सत्य पाया गया तो आरोपियों को जेल में आखिरी सांस तक कैद की सजा भी हो सकती है।

जमुहार मेडिकल कॉलेज में एसडीपीओ अभी भी भर्ती
अकौनी गांव में आरोपियों के हमला में घायल हुए दाउदनगर एसडीपीओ राजकुमार तिवारी जमुहार मेडिकल कॉलेज में अभी भी भर्ती हैं। उन्हें सिर व सीने में गंभीर चोटें आयी है। प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें नाजुक हालत में जमुहार मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया था। विभागीय सूत्रों ने बताया कि अभी भी एसडीपीओ के इलाज उसी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। वहीं इस घटना में जख्मी मेडिकल टीम भी इलाजरत है। इस घटना में एसडीपीओ, गोह, देवकुंड व हसपुरा थानाध्यक्ष, एसडीपीओ के दो गार्ड समेत पुलिस टीम के आठ लोग जख्मी हुए थे। वहीं मेडिकल टीम के आयुष चिकित्सक डॉ. अर्जुन कुमार, हेल्थ मैनेजर अनुज कुमार मिश्रा, एएनएम नीलू कुमारी व चालक सूरज कुमार घटना में जख्मी हो गए थे। फिलहाल ये भी इलाजरत हैं।

पड़ोसी के दरवाजे पर थूकने से शुरू हुआ था विवाद, फिर हुई थी मारपीट
अकौनी गांव में तीन दिन पहले दिल्ली से कोरोना का एक संदिग्ध गांव में पहुंचा था। जिसके कारण गांव के अधिकांश लोग कोरोना संक्रमण के डर से सहमे हुए थे। लेकिन उक्त संदिग्ध गांव में घूम रहा था। बुधवार की अल सुबह करीब सात बजे संदिग्ध आरोपी अपने पड़ोसी सुखदेव साव के दरवाजा पर बैठा और थूकने लगा। इस बात पर सुखदेव साव भी इसका विरोध किया। फिर क्या था। वह आरोपी और उसका परिवार भड़क उठा और सुखदेव तथा उसके परिवार की पिटाई कर दी। गांव के लोग संक्रमण के डर से उसे बचा भी नहीं पाए। ताकि उनमें संक्रमण न आ जाए। लेकिन कुछ लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय थान की पुलिस व बीडीओ को दे दी। जिसके बाद मेडिकल टीम के साथ पुलिस पहुंची।
आरोपी के नाम के ही उसी गांव में दो लोग
पड़ोसी सुखदेव साव के दरवाजे पर थूकने वाले आरोपी के नाम के अकौनी में दो युवक थे। घटना की सूचना पाकर स्थानीय बीडीओ संजय पाठक, थानाध्यक्ष मनोज कुमार व मेडिकल टीम उक्त गांव पहुंची। टीम को पहुंचने से पहले सभी लोग डर से घर में थे। लिहाजा पुलिस को आरोपी को खोजने में परेशानी हुई। वाजिब आरोपी के घर पहुंचने के बजाय भ्रम के कारण पुलिस व मेडिकल टीम दूसरे युवक के घर पहुंच गई। पुलिस टीम ने उसी नाम के युवक को हिरासत में लेकर थर्मल जांच करने की बात कही। इसी बात पर उसके घर के लोग भड़क गए और टीम को चारो तरफ से घेरकर पिटाई की। जिसके बाद जान बचाकर टीम को भागना पड़ा था। फिर इस मामले में तहकीकात करने गए एसडीपीओ व उनके टीम पर हमला बोल दिया गया। जिसमें एसडीपीओ समेत आठ पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।



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44 arrested for attacking SDPO and medical team, three FIRs filed separately

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