शहर के माेहल्लों में रोजाना लगने वाली सब्जी मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। भीड़ इतनी हो रही है कि लोगों के बीच गैप तो दूर, चलने की जगह नहीं मिल रही है। इन जगहों पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी अपने का लाचार मान रहे हैं। सोमवार को पाटलिपुत्र थाना भवन से लेकर गोसाई टोला मोड़ तक सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती रहीं। इसे देखने और अनुपालन कराने की किसी ने जहमत नहीं उठाई। इसी तरह राजीवनगर स्थित रोड नंबर 16 से रोड नंबर 14 के बीच लोगों की भीड़ के कारण चलना मुश्किल हो गया। रामनगरी और एजी कॉलोनी, पटेल नगर, इंद्रपुरी आदि इलाकों में शाम के वक्त काफी भीड़ रही।
केवल बड़ी मंडियों पर ही जिला प्रशासन की नजर
जिला प्रशासन के आलाधिकारियों की नजर सिर्फ बड़ी सब्जी मंडियों पर है। इसमें राजेंद्र नगर, मीठापुर, अंटाघाट और दीघा सब्जी मंडी शामिल है। इन मंडियों में स्थायी दुकानदारों को सब्जी बेचने के लिए दुकान लगाने की अनुमति दी गई है। शेष दुकानदारों को मुहल्लों में घूम-घूम कर बेचने की अनुमति दी गई है। लेकिन, माेहल्लों के बीच छोटे सब्जी मंडियों पर किसी वरीय अधिकारियाें की नजर नहीं है। थाना की पुलिस भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराने के बजाए खानापूर्ति करने में जुटी है।
मंडियों के बंद हाेने से नहीं मिल पा रहीं ताजी सब्जियां
भीड़ लगने पर सब्जी मंडियों काे बंद कराए जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। राजधानी के लोगों को ताजा सब्जी मिलने में मुश्किल होने लगी है। कोई निश्चित बाजार नहीं होने से लोग सब्जी लेने के लिए भटक रहे हैं। मीठापुर और दानापुर सहित अन्य थोक सब्जी मंडी बंद रहने से मोहल्ले के दुकानदारों को भी सब्जी नहीं मिल पा रही। ऐसे में राजधानी के लोगों के लिए सब्जी का संकट उत्पन्न होता दिख रहा है।
मोहल्लों जाकर बेचने वाले लेने लगे ज्यादा दाम
मंडियों के बंद होने के बाद सब्जी विक्रेता कई जगह ठेला लेकर मोहल्लों में जाने लगे हैं। पर घर-घर जाकर सब्जी बेचने की एवज में ज्यादा दाम ले रहे हैं। वहीं ठेले पर बेची जा रही ज्यादातर सब्जियां ताजी नहीं हैं। पर कोई उपाय नहीं होने की वजह से लोग मुरझाई सब्जियां खरीदने के लिए मजबूर हैं।
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