कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए दूरी जरूरी है। लॉकडाउन भी इसी कारण से लगाया गया है, लेकिन राहत पहुंचाने के नाम पर कुछ लोग सोशल इमेज के लिए साेशल डिस्टेंस भूल रहे हैं। लिहाजा ये राहत नहीं कोरोना को न्योता देने जैसा है। ये लापरवाही समाज पर भारी पड़ सकता है। अलग-अलग प्रखंडों से आए तीन तस्वीरों को आपके सामने साझा कर रहे हैं। जिसे देखकर घरों में कैद लोग हैरान हो सकते हैं। एक-एक तस्वीर में 10 से अधिक लोग मौजूद हैं। सोशल डिस्टेंस का दायरा कम से कम एक मीटर का होनी चाहिए, लेकिन तस्वीर में एक फीट भी सोशल डिस्टेंस नहीं है। पहली तस्वीर गोह के रामपुर गांव की है। जहां राहत पैकेट लिए हुए एक ही तस्वीर में 10 लोग दिखाई दे रहे हैं। दूसरी तस्वीर मदनपुर प्रखंड की है। जिसमें राहत पैकेट के साथ 20 लोग खड़े हैं। तीसरी तस्वीर औरंगाबाद शहर के दानी बिगहा की है। जहां राहत शिविर 25 से ज्यादा लोग खाना खाते नजर आ रहे हैं। हम कहां जा रहे हैं? विचार करना होगा।

घर में रहने का लें संकल्प, राहत दें तो सोशल डिस्टेंस को जरूर अपनाएं
कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए दैनिक भास्कर खबरों के माध्यम से पुरी ताकत से लगा है और आपको जागरूक कर रहा है। ताकि आप बच सकें और इस जंग में हम कोरोना को हरा सकें। लिहाजा दैनिक भास्कर आप से अपील करता है कि आप घरों में रहने का संकल्प लें। जरूरी पड़ने पर हीं बाहर निकलें। निकलें तो मास्क जरूर लगायें। बेवजह सड़क पर निकलने से बचें। किसी को राहत पहुंचाएं तो सोशल डिस्टेंस ख्याल करें। क्योंकि सोशल डिस्टेंस ही कोरोना संक्रमण को रोकने का एक मात्र उपाय है। आप अपने घरों में सोशल डिस्टेंस पालन करने की बेहतर तस्वीर हमसे साझा कर सकते हैं। सोशल घेरा बनाकर राहत पहुंचाने की तस्वीरें भी हमसे साझा कर सकते हैं। हम इन तस्वीरों को अखबार में प्रकाशित करेंगे। हमारा इमेल आईडी aurangabadbhaskar@gmail.com है। साथ में आप अपना नाम और पता जरूर लिख दें।



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People forgetting social distance for social image, it's not relief, it's trouble

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