प्रखण्ड के पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में गर्मी शुरू होते ही भूगर्भ जलस्तर सामान्य से काफी नीचे चला गया है। जिसके कारण गंभीर पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा बेकार पड़े चापाकलों का मरम्मत कराने का कार्य शुरू हो गया है। पीएचइडी के कनीय अभियन्ता श्याम बाबू ने बताया कि उपलब्ध संसाधनों के बदौलत मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया गया। उन्होंने बताया कि चापाकल मरम्मत के लिए तीन टीम बनाया गया है।
दो टीम कैमूर पहाड़ी के ऊपर बसे रोहतास एवम नौहट्टा प्रखण्ड के पिपरडीह एवम रोहतासगढ़ पंचायत के गांवों में एवम एक टीम को कैमूर पहाड़ी के तराई में बसे गांवों में खराब पड़े चापाकल के मरम्मत के लिए लगाया गया है। इस कार्य में विभाग के मिस्त्री लखन पाल, बबन सिंह, देवेन्द्र सिंह, दशरथ सिंह, अवध बिहारी, श्रवण कुमार, महाराज सिंह, उपेंद्र कुमार को लगाया गया है। साथ में आने जाने के लिये वाहन भी उपलब्ध कराया गया है।
कनीय अभियंता ने बताया कि इस वर्ष नौहट्टा व रोहतास प्रखण्ड के विभिन्न गांवों में लगभग 150 चापाकल का मरम्मत इस वर्ष अब तक कराया गया है। उन्होंने बताया कि अब जो विभाग का चापाकल बन्द है। उन्होंने कहा कि सामान्य गड़बड़ियों नट, बोल्ट प्लंजर, वासर, सिलेंडर पाइप, पैकिंग आदि के अभाव में भी जो चापाकल बन्द है उनको भी चालू किया जा रहा है ।
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