अभिभावकों से निजी स्कूल मार्च व अप्रैल माह की फीस नहीं ले सकते हैं। हालांकि, ऑनलाइन क्लास लेने वाले स्कूल मासिक फीस ले सकते हैं। लेकिन वे भी ट्रांसपोर्टेशन शुल्क नहीं ले सकते हैं।शिक्षा विभाग ने साेमवार काे यह आदेश जारी किया। विभाग ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी स्कूल बच्चों के अभिभावकों को मासिक फीस देने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने इस बाबत बताया कि ट्रांसपोर्टेशन सहित किसी प्रकार की फीस लॉकडाउन के दौरान नहीं ली जा सकती है।
फीस के लिए दवाब डालने की किसी तरह की शिकायत मिलने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निजी स्कूलों से अभिभावकों को मासिक फीस के साथ ट्रांसपोर्टेशन फीस जमा करने के लिए मैसेज आ रहे हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग के इस निर्णय से अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी। कई स्कूलों से फीस को लेकर अभिभावकों के पास मेसेज आ रहे थे। इस पर अभिभावकों में नाराजगी थी।

शिकायत के बाद अबतक 18 को भेजा है नोटिस

7 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ाने पर पटना प्रमंडल के 15 निजी स्कूलों को नोटिस भेजा गया है। इनमें 14 स्कूल पटना के हैं और एक आरा का है।इन स्कूलों ने अगले सत्र में अलग-अलग मदों में काफी फीस बढ़ाई है। क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने स्कूलों को नोटिस भेजा है और फीस बढ़ोतरी पर एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है। आरडीडीई ने बताया कि इन स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों ने शिकायत की थी। स्कूलों ने प्रवेश शुल्क, वार्षिक शुल्क, मासिक शिक्षण शुल्क, परीक्षा शुल्क, विद्युत शुल्क, पाठ्यसामग्री शुल्क, आवागमन शुल्क तथा अन्य शुल्क में 7 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की है। आरडीडीई की ओर से इन स्कूलों से सत्र 2019-20 और सत्र 2020-21 का फी स्ट्रक्चर मांगा गया है।इस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मनमानी रोकने के लिए बना है नियम

बिहार सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए बिहार निजी स्कूल (शुल्क विनियमन) विधेयक, 2019 बनाया है। इसके अनुसार स्कूल सभी प्रकार के शुल्क में अधिकतम 7 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकते हैं। निजी विद्यालय के लिए बनाए गए इस अधिनियम और इसके अधीन बनाई गई नियमावली और अधिसूचना के किसी प्रावधान का उल्लंघन करने पर प्रथम अपराध के लिए अधिकतम एक लाख रुपए तथा आगे प्रत्येक अपराध के लिए दो लाख रुपए दंड का प्रावधान है। निर्धारित दंड एक माह के भीतर नहीं जमा करने और बार-बार नियमों का उल्लंघन के लिए दोषी पाये जाने की स्थिति में निजी विद्यालय अथवा सहायता पाने वाले विद्यालय की मान्यता अथवा संबंधन रद्द करने की अनुशंसा प्रमंडलीय आयुक्त कर सकते हैं।

इनसे भी मांगा जवाब

  • बिशप स्कॉट ब्वॉयज हाई स्कूल, जगनपुरा
  • बिशप स्कॉट गर्ल्स स्कूल, जगनपुरा
  • कृष्णा निकेतन हाई स्कूल, न्यू बाइपास
  • माउंट लिट्रा जी स्कूल, सगुना मोड़
  • स्प्रिंग्स पेटल्स, राजेंद्रनगर
  • बीएसडीएवी पब्लिक स्कूल, आरा
  • प्रारंभिका, बोरिंग रोड
  • आचार्य श्री सुदर्शन पटना सेंट्रल स्कूल
  • स्कॉलर्स अबाेड, चिरौरा
  • बिशप हेरिटेज, आंनदपुर बिहटा
  • रेडिएंट इंटरनेशनल स्कूल, पटना
  • लिट्रा वैली हाई स्कूल, भगवत नगर
  • होली क्रॉस, अनीसाबाद
  • मिलेनियम वर्ल्ड स्कूल, जगनपुरा
  • ओपन माइंड बिड़ला स्कूल, कंकड़बाग

3 को पहले ही भेजी है चिट्‌ठी

7% से अधिक फीस बढ़ाेतरी पर अबतक जिन 18 स्कूलों को आरडीडीई की ओर से नोटिस भेजा गया उनमे से दिल्ली पब्लिक स्कूल, डाॅ. डीवाई पाटिल स्कूल और ट्रिनिटी ग्लोबल स्कूल को पहले ही नोटिस भेजा गया था। सभी स्कूलों की ओर से जवाब का इंतजार किया जा रहा है।

किताबों की होम डिलिवरी की जिम्मेदारी डीईओ की

स्कूली बच्चों के घर तक किताब वितरण की सूची जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) तैयार करेंगे। इसी सूची के आधार पर वाहन पास मिलेगा। डीएम कुमार रवि ने कहा कि सरकार के नए निर्देश के आलोक में पास वितरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए विकेंद्रीकरण किया गया है। बच्चों के घर तक किताब पहुंचाने को इच्छुक विक्रेताओं, स्कूलों और दुकानों की सूची बनेगी ताकि किसी तरह की परेशानी नहीं हो।
बुक डिलिवरी के पास के लिए किया आवेदन
बच्चों को घर-घर किताबें पहुंचाने के लिए अब स्कूल्स प्रबंधन खुद आगे आए हैं। सोमवार को राजधानी के दर्जन भर स्कूलों के प्रिंसिपल ने कॉन्फ्रेंस कॉल पर मीटिंग की। पाटलिपुत्र सहोदय स्कूल कॉम्प्लेक्स के अध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि हम लोगों ने बच्चों के घर तक किताबें पहुंचाने का निर्णय लिया है। सभी स्कूल वाहन पास के लिए आवेदन करेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों को किताबें देने की डीएम की पहल अच्छी है। वाहन पास के लिए डी वाई पाटिल समेत कई स्कूलों ने आवेदन किया है। शिवम् कॉन्वेंट, बाल्डविन एकेडमी, बाल्डविन सोफिया, स्कॉलर्स अबोड सहित अन्य स्कूल मंगलवार को वाहन पास आवेदन करेंगे। सभी स्कूल पुस्तक विक्रेताओं के साथ वार्ता कर चुके हैं, उनसे अनुरोध किया गया है कि वे स्कूल के मार्फत द्वारा बच्चों के घरों पर किताबों की डिलीवरी करें।

एक मांग यह भी : 2 घंटे स्कूल खोलने की मिले अनुमति

प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने कहा है कि पुस्तक विक्रेताओं को स्कूलों के परिसर में ही 2 घंटे किताब बेचने की अनुमति मिलनी चाहिए। डोर टू डोर किताबों की डिलीवरी निजी स्कूलों के लिए संभव नहीं है। जिले में 3000 से ज्यादा निजी स्कूल हैं। उन्होंने डीएम से आग्रह किया है कि परिवहन शुल्क से निजी स्कूल किस्तों में बीमा, वाहन चालकों और सफाई कर्मियों का भुगतान करते हैं। इसलिए कम से कम 3 महीने के लिए सभी कर को माफ कर दिया जाए।



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शिक्षा विभाग ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी स्कूल बच्चों के अभिभावकों को मासिक फीस देने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं।

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