अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में फिर ब्लड की कमी हो रही है। ऐसे में कई गंभीर मरीजों की जान पर खतरा बन गया है। ब्लड बैंक में कई ब्लड ग्रुप का स्टॉक शून्य है जो गंभीरता का परिचायक है। इससे पहले भी कुछ दिन पहले ब्लड की कमी हुई थी तब सीआरपीएफ की ओर से लगातार एक सप्ताह तक अपने कैंप में शिविर का आयोजन कर रक्तदान किया गया था। ब्लड बैंक से मिली जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह 8 बजे तक ए पॉजिटिव, एबी पॉजिटिव, ए निगेटिव और बी निगेटिव ग्रुप का एक भी यूनिट ब्लड नहीं है। वहीं ओ निगेटिव और एक निगेटिव का मात्र एक-एक यूनिट ब्लड ही ब्लड बैंक में है।
थैलीसीमिया व प्रसव मरीजों को अधिक परेशानी: ब्लड बैंक में ब्लड की कमी से सबसे अधिक थैलीसीमिया व प्रसव के मरीजों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। कुछ मामले में तो शहर के रक्तदाता ग्रुप तक मामला पहुंचने के बाद संबंधित ग्रुप का रक्तदान कर मरीजों को जान बचाई जा रही है। जिन लोगों की पहुंच इन ग्रुपों तक नहीं है, उन्हें भगवान का ही एकमात्र सहारा है।
लॉकडाउन के कारण बढ़ी परेशानी
ब्लड बैंक प्रभारी डाॅ. संजय गुप्ता के अनुसार लॉकडाउन के कारण कई रक्तदान शिविर को स्थगित करना पड़ा। वहीं रक्तदाता ब्लड बैंक तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। यदि जल्द ही इसके लिए कोई अभियान नहीं चलाया गया तो मुश्किलें काफी बढ़ सकती है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि ब्लड बैंक कर्मी गंभीर मरीजों को स्वयं रक्तदान कर भी मांग पूरी कर चुके हैं।
रेयर ग्रुप का रक्तदान कर बचाई जान
ऐसा ही एक मामला रविवार को देखने का मिला जब शेरघाटी की कंचन देवी को बच्चेदानी के ऑपरेशन के लिए रेयर ओ निगेटिव ग्रुप के ब्लड की आवश्यकता पड़ी। इसकी सूचना शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के सोनी वर्मा को मिली। सोनी वर्मा के अनुरोध पर सुरेन्द्र मिस्त्री ब्लड बैंक पहुंचे और रक्तदान कर पुण्य का काम किया। सोनी ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान प्रशासन रक्तदाताओं का सहयोग नहीं कर रहा।
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