(नारायण मिश्रा)कोरोना की लड़ाई में जिला काफी हद तक जीत की दहलीज पर पहुंच गया है। यदि हम लॉकडाउन का अक्ष्ररस: पालन करें और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें तो जल्द ही जीत का परचम लहराएंगे। पिछले 9 दिनों से एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिलने और पॉजिटिव मरीज के क्लोज कान्टेक्ट वालों की रिपोर्ट निगेटिव आने से कोरोना फाइटर्स का हौसला बढ़ा है। अंतिम केस 3 अप्रैल को आया था जब गुरुद्वारा निवासी पॉजिटिव महिला का पति की जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। वहीं गया के पांच कोरोना पॉजिटिव मरीज में से तीन का स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने की खबर ने भी फाइटर्स का हौसला बढ़ाया है।
सिर्फ दो चैन से आए हैं केस
जिले में मिले पांच पॉजिटिव केस दो चैन से सामने आई है। इसमें से एक बिहार का पहला मृतक मुंगेर निवासी युवक के चैन से है जबकि दूसरा दुबई से आए दंपति का चैन है। इसके अलावा अन्य किसी की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। यहां तक कि दोनों पॉजिटिव केस के अन्य रिश्तेदारों की जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। इससे यह पता चलता है कि कोरोना की लड़ाई जिले में अपने पहले स्टेज पर ही है।
रंग ला रही डीएम व सीएस की मेहनत
कोरोना की इस लड़ाई में डीएम अभिषेक सिंह और सिविल सर्जन डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में जिला व स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की मेहनत रंग लाई है। डीएम प्रतिदिन गया व बोधगया के आइसोलेशन और क्वारेंटाइन सेंटर की ना सिर्फ रिपोर्ट ले रहे हैं बल्कि वहां पहुंचकर व्यवस्था का निरीक्षण भी कर रहे हैं। दूसरी तरफ सिविल सर्जन डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह 67 वर्ष की अपनी उम्र के बावजूद प्रतिदिन 12 से 16 घंटे काम कर रहे हैं। सिविल सर्जन का आवास कोरोना की लड़ाई का वार रूम बना हुआ है। एएनएमएमसीएच के भी कई डॉक्टर व कर्मी रात-दिन मेहनत कर कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं। नोडल पदाधिकारी डॉ. एन के पासवान ने बताया कि एक मरीज स्वस्थ होने के बाद डॉक्टर व कर्मियों को हौसला सातवें आसमान पर है। इस लड़ाई में मेहनत करने वाले सभी का वे आभार प्रकट करते हैं।
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सिर्फ दो चैन से आए हैं केस
जिले में मिले पांच पॉजिटिव केस दो चैन से सामने आई है। इसमें से एक बिहार का पहला मृतक मुंगेर निवासी युवक के चैन से है जबकि दूसरा दुबई से आए दंपति का चैन है। इसके अलावा अन्य किसी की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। यहां तक कि दोनों पॉजिटिव केस के अन्य रिश्तेदारों की जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। इससे यह पता चलता है कि कोरोना की लड़ाई जिले में अपने पहले स्टेज पर ही है।
रंग ला रही डीएम व सीएस की मेहनत
कोरोना की इस लड़ाई में डीएम अभिषेक सिंह और सिविल सर्जन डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में जिला व स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की मेहनत रंग लाई है। डीएम प्रतिदिन गया व बोधगया के आइसोलेशन और क्वारेंटाइन सेंटर की ना सिर्फ रिपोर्ट ले रहे हैं बल्कि वहां पहुंचकर व्यवस्था का निरीक्षण भी कर रहे हैं। दूसरी तरफ सिविल सर्जन डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह 67 वर्ष की अपनी उम्र के बावजूद प्रतिदिन 12 से 16 घंटे काम कर रहे हैं। सिविल सर्जन का आवास कोरोना की लड़ाई का वार रूम बना हुआ है। एएनएमएमसीएच के भी कई डॉक्टर व कर्मी रात-दिन मेहनत कर कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं। नोडल पदाधिकारी डॉ. एन के पासवान ने बताया कि एक मरीज स्वस्थ होने के बाद डॉक्टर व कर्मियों को हौसला सातवें आसमान पर है। इस लड़ाई में मेहनत करने वाले सभी का वे आभार प्रकट करते हैं।
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