भागलपुर स्टेशन पर प्रवासी मजदूराें काे लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेनाें का भागलपुर स्टेशन आने का सिलसिला जारी है। बुधवार काे भी करीब आधा दर्जन ट्रेनें राजकाेट, गुड़गांव, तमिलनाडु, जाेधपुर, दिल्ली, बेंगलुरु से चार हजार से अधिक प्रवासियाें काे लेकर भागलपुर पहुंची। दाे ट्रेनाें में रेल प्रशासन की ओर से नाश्ता व पानी दिया गया। लेकिन रेल प्रशासन यात्रियाें की भूख के साथ खिलवाड़ औरछलावा कर रहा है। एक ताे ट्रेन तीन-चार घंटे देर से पहुंच रही है। इस पर रास्ते में उनलाेगाें काे खाने के लिए कुछ नहीं दिया जा रहा है। 48 घंटे भूखे-प्यासे सफर करने के बाद प्रवासी मजदूराें काे कुछ स्टेशन पर रेलवे नाश्ते के पैकेट के नाम पर महज कुरकुरे और चिप्स बांट रहा है। नतीजा, यात्रियाें के सब्र का बांध टूट रहा है और वे लाेग कुरकुरे-चिप्स के पैकेट और पानी की बाेतल के लिए मारामारी करने काे विवश हैं। ऐसा ही नजारा बुधवार की दाेपहर काे भागलपुर रेलवे स्टेशन पर दिखा।
दाेपहर करीब 12 बजे प्रवासी मजदूराें की भूख तब दिखी जब जाेधपुर से मालदा हाेकर पूर्णिया स्टेशन जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में भागलपुर स्टेशन पर नाश्ते का पैकेट व पानी की बाेतल दिये गए। प्रवासी मजदूर नाश्ते का पैकेट पर टूट पड़े। वे दाे बार आपस में ही भिड़ गए। धक्का-मुक्की करने लगे। आपस में मारपीट भी हाे गयी। जब आरपीएफ के जवानाें ने सख्ती दिखाई ताे मजदूर पैकेट लेकर ट्रेन में बैठे। इस दौरान लात-घूंसे भी चले। एक घंटे बाद ट्रेन में सवार करीब 1200 प्रवासी मजदूराें काे नाश्ता व पानी की बाेतल देकर ट्रेन काे पूर्णिया रवाना किया गया। ये ट्रेन काफी लेट थी। मजदूराें का कहना था कि वे भूखे हैं। रेलवे के पैकेट में बिस्कुट, भुजिया व केक दिये जाते हैं। जिससे उनकी भूख नहीं मिटती है।
कार्टन लेकर भागे, कई मजदूराें काे नहीं मिल पाया नाश्ता
स्टेशन पर नाश्ते व पानी के लिए दाे तरह के इंतजाम हैं। भागलपुर स्टेशन आकर खाली हाेनेवाली ट्रेन से उतरने वाले मजदूराें काे जिला प्रशासन की अाेर से खाना-पानी दिया जाता है। जबकि जाे ट्रेन इस हाेकर मजदूराें काे लेकर गुजरती है, उस ट्रेन के यात्रियाें काे आईआरसीटीसी नाश्ता-पानी देता है। बुधवार काे जाेधपुर से आरही ट्रेन के रुकने के बाद आगे की कोच से सवार प्रवासियों को बाहर बुलाकर घेरे में खड़ा रहने को कहा गया। एक कोच के प्रवासियों को नाश्ता देने के बाद रेलकर्मी दूसरे कोच के प्रवासियों को देने जा रहे थे। इस बीच जिन्हें नाश्ता दिया गया था, वे लोग भी फिर से दोबारा नाश्ता लेने आ गए। सभी ने नाश्ते का कार्टन छीन लिया और आपस में उलझ गए। इससे कई मजदूराें काे नाश्ता नहीं मिल सका। रेलवे के अफसराें ने बताया कि मजदूर इतने भूखे रहते हैं कि वे एक से अधिक पैकेट लेना चाहते हैं।
समय पर नहीं पहुंच पा रही ट्रेनें, श्रमिकाें की भूख बर्दाश्त से बाहर इसलिए लूट रहे नाश्ता के पैकेट
बुधवार को पूर्णिया के श्रमिकों को लेकर पहुंची स्पेशल ट्रेन भागलपुर स्टेशन पहुंची तो मजदूर काफी भूखे थे। ट्रेन को आगे जाना था इसलिए रेलवे ने नाश्ता की व्यवस्था की थी। कुरकुरे व चिप्स के पैकेट व पानी देख मजदूर उसे लूटने के लिए छीना-झपटी करने लगे। प्रवासी मजदूरों का कहना है कि रेलवे के नाश्ते के पैकेट से उनकी भूख नहीं मिटती है।
शाम में अलग नजारा : मणिपुर जा रही ट्रेन में दिया नाश्ता और पानी, स्टूडेंट ने थैंक्स कहा
बुधवार की शाम साढ़े पांच बजे दिल्ली से मणिपुर जा रही 1600 छात्राें वाली एक ट्रेन प्लेटफार्म नंबर पांच पर रुकी। इस ट्रेन में भी रेलवे की अाेर से नाश्ते का पैकेट व पानी की बाेतल दी गई। लेकिन इस ट्रेन में ज्यादातर दिल्ली विवि में पढ़नेवाले छात्र थे। उनलाेगाेें ने शांति से नाश्ता व पानी लिया अाैर पुलिस वालाें काे थैंक्यू अंकल कहा। छात्राें ने बताया कि दिल्ली से चलने के बाद उन्हें बिहार में ही पानी व नाश्ता मिला है।

दाेबारा नाश्ता का पैकेट लेने के लिए आपस में भिड़ गए मजदूर
कुछ प्रवासी मजदूर दाेबारा पैकेट लेने के लिए आपस में भिड़ गए। कुछ मजदूराें काे बराैनी जाना था। इसलिए वह भागलपुर स्टेशन पर उतरना चाहते थे। लेकिन उन्हें राेक दिया गया। इस कारण भी वे नाराज थे। बहकावे में अाकर हंगामा करने लगे।मनीष कुमार, वरिष्ठ सुपरवाइजर, आईआरसीटीसी



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