भिखनाठोरी बॉर्डर पर नालें के पानी को लेकर दूसरें दिन भी तनाव कि स्थिति बनी रही। विवाद को सुलझाने व बॉर्डर पर शांति व्यवस्था बनायें रखने के लिए मानपुर, भंगहां व सहोदरा थानाध्यक्ष दल बल के साथ दोपहर से भिखनाठोरी बॉर्डर पर कैंम्प कियें हुए थें। सुरक्षा को देखते हुए भतुजला व तीन लालटेन से एसएसबी के जवानों को भिखनाठोरी बीओपी पर बुला लिया गया था। बंद नालें को खोलवाने के लिए भवानीपुर, बैरीया, सहोदरा, एकवा, खैरटीया, परसौनी व इमिलिया टोला के लोगों के साथ सैकड़ो कि संख्या में महिलाएं भी बॉर्डर के भिखनाठोरी गांव मे मौजुद हो गयी थी। पटवन का एक मात्र साधन बंद नालें को खोलवाने के लिए लोग आतुर थें। आक्रोशित सुनर, छोटेलाल, पुर्णवासी माझी, रामचंद्र, अरबिन्द, सुखदेव आदि ने कहा कि प्रशासन के रोकने के बावजूद भी बंद नाला को खोला जाएंगा। ताकि बंद नाला चालू हो सकें और पटवन कर फसल उपजाया जा सकें।
भिखनाठोरी रेलवे गेस्ट हाउस के समीप धमौरा पंचायत के विभिन्न गांव से आयें लोगों ने अगली रणनीति पर विस्तृत चर्चा कि। सहोदरा थानाध्यक्ष धनञ्जय कुमार सिंह व एसएसबी के डिप्टी कमांडेट शैलेश कुमार सिंह ने कहा कि यह अंतराष्ट्रीय मामला हैं। इस मामलें को डीएम तक पहुंचा दिया गया हैं।



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