पटना में काेराेना पाॅजिटिव ने दाेहरा शतक लगा लिया है। रविवार काे चार पाॅजिटिव मिलने के साथ ही आंकड़ा 200 पर पहुंच गया। 15 मई काे पटना में काेराेना पाॅजिटिव का शतक लगा था। रविवार को मिले चार मरीजों में तीन पटना सिटी के संपतचक-बैरिया, कुम्हरार के चाणक्यनगर और दीदारगंज थाना क्षेत्र के गौरहपुर गांव का रहने वाला है। जबकि एक मरीज मंदिरी का रहने वाला है।

सिविल सर्जन डा आरके चौधरी ने बताया कि मंदिरी का रहने वाले युवक की ट्रैवल हिस्ट्री है। वह मुंबई से लौटा है। इसे होटल पाटलिपुत्र अशोक में रखा गया है। मुंबई से लौटने के बाद इसमें लक्षण मिले थे। इसके बाद इसे क्वारेंटाइन किया गया था और सैंपल जांच के लिए आरएमआरआई भेजा गया था। रविवार को इसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
मैं कोरोना को हरा सकती हूं तो आप क्यों नहीं ?
एनएमसीएच में भर्ती चार कोरोना मरीजों को स्वस्थ होने पर रविवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इनमें बेलछी की 22 दिन की बच्ची भी शामिल है। कोराना को मात देने वाली 22 दिन की बच्ची को जब डॉक्टरों ने मां चांदनी की गोद में दिया तब वह फफक पड़ी। इसके साथ ही पटना के दीघा की 25 वर्षीय नगरी, वैशाली के महुआ के दो साल के रमेश पासवान और बिदुपुर के 20 वर्षीय अभिषेक कुमार को भी अस्पताल से छुट्टी मिली।
स्पेशल ट्रेन से पटना पहुंचा जूनियर इंजीनियर भी निकला पॉजिटिव
रविवार को मिले पॉजिटिव मरीजों में एक अगमकुआं थाना क्षेत्र के कुम्हरार चाणक्यनगर निवासी जूनियर इंजीनियर भी है। 36 वर्षीय यह जूनियर इंजीनियर हरियाणा से 23 मई को स्पेशल ट्रेन से पटना आया। उसने बताया कि पत्नी दो बच्चों के साथ ससुराल भभुआ में है। घर पर मां अकेली है। बताया कि स्पेशल ट्रेन से पटना आया है। वहां से घर जाने के बाद सीधे अस्पताल में जांच कराने के लिए पहुंच गया। जांच के क्रम में ही शाम को पता चला कि वह संक्रमित है। घर नहीं गया और सीधे क्वारेंटिन में चला गया, जिससे कई संक्रमित होने से बचे।

बैरिया गांव निवासी 18 वर्षीय युवक ने बताया कि वह सूरत में साड़ी के कारखाना में काम करता है। 21 मई को गुजरात से स्पेशल ट्रेन पकड़ कर पटना आया। यहां से संपतचक में ही बने क्वारेंटाइन सेंटर में रहा। क्वारेंटाइन सेंटर में पहले से चार मजदूर और थे। इसके बाद वहां से अस्पताल में जांच कराने के लिए शनिवार को आया। पिता जी किसान हैं। अभी शादी नहीं हुई है। घर में दो बहनें हैं।

वह सूरत से आने के बाद सीधे कोरेंटाइन सेंटर चला गया था। घर नहीं गया। इसके साथ रहने वाले मजदूरों और पिता की भी जांच कराई जाएगी। दूसरा मरीज दीदारगंज के गौहरपुर गांव निवासी 33 वर्षीय युवक है, जो हैदराबाद से स्पेशल ट्रेन से कटिहार, फिर वहां से पटना बस से आया। वहीं बैरिया निवासी एक 18 वर्षीय युवक है, जो सूरत गुजरात में पेंट कारखाना में काम करता है। यह संपतचक में स्थित क्वारेंटाइनन सेंटर से पटना भेजा गया था।



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कोराना को मात देने वाली 22 दिन की बच्ची को जब डॉक्टरों ने मां चांदनी की गोद में दिया तब वह फफक पड़ी।

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