सूबे के इकलौते टाइगर रिजर्व के संवेदनशील इलाकों से बालू व पत्थर का अवैध खनन लगातार जारी है। अधिकारियों की मिलीभगत से प्रति दिन सैकड़ो ट्रॉली बालू व पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है। अवैध खनन से निकाले गए बालू व पत्थर की निर्बाध आपूर्ति बिहार व यूपी के नजदीकी जिलों तक की जा रही है।

यह खनन पर्यावरण व वन्य जीवों के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है। जंगल के समीपवर्ती इलाकों के लोग बीते कुछ समय से लगातार इस बाबत स्थानीय अधिकारियों को सचेत करते रहे हैं। हालांकि कोई ठोस कार्रवाई अबतक हो नहीं पाई है। भारतीय थारू कल्याण महासंघ की केंद्रीय इकाई के अध्यक्ष दीपनारायण प्रसाद ने जंगल से अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाने तथा ऐसी गतिविधियों में संलिप्त तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इस पत्र में 13 सितम्बर 2017 को निर्गत भारत के राजपत्र का हवाला देते हुए दीपनारायण प्रसाद ने बताया है कि वाल्मीकि टाईगर रिजर्ब का 9 किलोमीटर क्षेत्र परिस्थितिकी संवेदी जोन है।

इस इलाके से किसी भी प्रकार की खुदाई करना वर्जित है। इसके वावजूद अधिकरियों की मिलीभगत से इस लॉक डाउन के दौरान भी धड़ल्ले से बालू व पत्थर का खनन कर बिहार सहित यूपी के कई जिलों में बेचा जा रहा है। इस सेंसेटिव जोन के नहरों, तालाबों, खेतों, टाईगर रिजर्व के जंगल तथा वन क्षेत्र के सटे इलाकों से भी खनन किया जा रहा है।

जंगल बचाने में नाकाम वन अधिकारी एनएच निर्माण में डाल रहे अड़ंगा, वन अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप
वन अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए इस पत्र में थारू कल्याण महासंघ के अध्यक्ष ने लिखा है कि जनहित को ध्यान में रखकर वन क्षेत्र के भीतर से बनाये जा रहे एनएच निर्माण पर ये अधिकारी वन्य प्राणियों की सुरक्षा व प्रदूषण का हवाला देकर बार - बार काम रोक देते हैं। लेकिन वन संरक्षण के लिए खनन पर रोक लगाने की दिशा में कत्तई गंभीर नहीं हैं। बताते चलें कि इससे पहले हरनाटांड़ के समीपवर्ती इलाकों के ग्रामीण वन अधिकारियों को ज्ञापन देकर खनन से संबंधित जानकारी कई बार दे चुके हैं। कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
कराई जा रही जांच : एसडीएम विशाल राज ने इस बाबत पूछने पर बताया कि संवेदनशील इलाकों में खनन की जांच कराई जा रही है। जांच में उभरे तथ्यों के आलोक में सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। एसडीएम ने कहा कि अवैध खनन के खिलाफ यहां के लोगों में जागरूकता जरूरी है।

श्रीपतनगर गांव के पास अवैध खनन के खिलाफ ग्रामीणों व व्यापारियों का प्रदर्शन

पिपरासी प्रखंड में श्रीपतनगर गांव के पास गंडक नदी से निकली एक धारा को बांध कर किए जा रहे अवैध खनन और इससे होने वाली नुकसान के खिलाफ ग्रामीणों व व्यापारियों ने बालू लदी ट्रालियों को रोक कर घंटों हंगामा किया। पूर्व प्रमुख सह स्थानीय पंसस कमलावती देवी ने इस बाबत डीएम को पत्र लिख कर उचित कार्रवाई की मांग भी की है। पूर्व प्रमुख ने बताया कि सेमरा लबेदहा व मंझरिया पंचायत नदी की मुख्य धारा की की तरफ हैं। इस कारण नदी के जलस्तर में थोड़े परिवर्तन पर गांव के तरफ नदी के एक धारा का झुकाव हो जाता है। इससे हर वर्ष सैकडों एकड़ फसल व जानमाल को खतरा होता है। इसको देखते हुए उक्त खनन पर रोक लगाना चाहिए।

ग्रामीणों ने बताया कि रोजाना दो सौ ट्रालियां बालू की खोदाई कर के यूपी के कुशीनगर, महराजगंज, गोरखपुर आदि जिले में धड़ल्ले से भेजी जा रही है। ओभरलोडेड ट्रालियों के कारण क्षेत्र की सड़कें भी टूट रही हैं। खनन के कारण हर वर्ष गांव में नदी का पानी घुस जाता है और खेतों का कटाव भी होता है। इससे किसानों को काफी क्षति उठानी पड़ती है।



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Illegal mining of sand and stone in VTR sensitive areas, will be conducted

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