(आलोक कुमार)आषाढ़ शुक्ल द्वितीया 23 जून को निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस बार पटना में नहीं निकलेगी। 20 साल में पहली बार रथयात्रा की परंपरा टूटेगी। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और सरकार के नियमों का पालन करते हुए इस्कॉन पटना ने इस बार रथयात्रा नहीं निकालने का निर्णय किया है। इससे पहले परंपरा के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान के बाद शुक्रवार से ही भगवान जगन्नाथ व उनके भाई-बहन बीमार हो गए हैं। 22 जून तक वे मंदिर में ही स्वास्थ्य लाभ करेंगे।

इस दौरान मंदिर के अंदर-अंदर ही उनके लिए भोग लग रहा है और आयुर्वेदिक मेडिसिन भी दिया जा रहा है। इस्कॉन पटना के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास ने बताया कि स्वस्थ होने के बाद 23 को मौसीबाड़ी जाने की परंपरा है, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उन्हें मंदिर में ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाकर श्रृंगार किया जाएगा। फिर पूजन, आरती-भोग आदि के बाद मंदिर कैंपस में कुछ चुनिंदा भक्तों द्वारा भ्रमण कराया जाएगा। 8 जून से इस्कॉन मंदिर खोलने का भी अभी डिसाइड नहीं हुआ है। संभव है इस्कॉन मंदिर 15 जून से खुलेगा।
मंदिर से बाहर नहीं निकलेंगे भगवान
कृष्ण कृपा दास के अनुसार कोरोना के खतरे के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है। हर साल भव्य तरीके से रथयात्रा निकलती थी, वह इस बार नहीं होगा। हालांकि ठाकुर जी का राग भोग सब कुछ होगा। लेकिन, वे मंदिर के कैंपस में रहेंगे, बाहर नहीं जाएंगे। उस दिन कुछ चुनिंदा भक्त डिस्टेंस बनाकर कीर्तन भी करेंगे और भगवान का श्रृंगार भी होगा।
अभी रूका पड़ा है श्री राधा बांके बिहारी मंदिर का निर्माण
बुद्ध मार्ग स्थित इस्कॉन परिसर में बन रहा श्री राधा बांके बिहारी जी मंदिर वैदिक संस्कार केंद्र का निर्माण कार्य भी लॉकडाउन के कारण रूका पड़ा है। लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही काम बंद हो गया है। किसी बाहरी मजदूर को अंदर नहीं आने दिया जा रहा है। इस्कॉन के अध्यक्ष के अनुसार जुलाई से डिस्टेंस मेंटेन करते हुए फिर से मंदिर का निर्माण कार्य चालू होगा। अभी मंदिर का 80 फीसदी से अधिक काम हो चुका है, फिनिशिंग का काम बाकी है। यह भी बताया कि यह कोरोना महामारी और व्यक्तिगत दूरी की बाध्यता कब तक रहेगी कहना मुश्किल है। जब सब ठीक ठाक हो जाएगा, तब श्री राधा बांके बिहारी जी के मंदिर का उद्घाटन होगा और भगवान का उत्सव अच्छे तरीके से मनाया जाएगा।

पटना में 2000 से निकल रही है रथयात्रा
पटना की सड़कों वर इस्कॉन की ओर से बड़ा रथ 2000 से निकाला जा रहा है। हालांकि उससे पहले कभी खुली जीप में तो कभी ठेले पर छोटे रूप में भी रथयात्रा निकलती थी। 2000 से पहली बार ऐसा होगा, जब 2020 में पटना के भक्त भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने से वंचित रहेंगे। इस्कॉन मंदिर कमिटी ने जुड़े भक्तों से अपील की है कि जो जहां हैं, वहीं पर रहकर कीर्तन करें।



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This time Lord Jagannath's Rath Yatra will not come out in Patna, Lord, including brother and sister sick after bathing on Jyestha Purnima, will be treated till 22

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