जल जीवन हरियाली मिशन के बाद भी ताल-तलैया की ससमय उड़ाही नहीं होने के कारण वर्षा जल संचय की कल्पना बेकार साबित हो रही है। जिला के विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों में तालाब की हालत खास्ता है। कहीं अतिक्रमण तो कहीं कचड़ा का मलवा तो कहीं जल कुंभी शोभा बढ़ा रही है। सदर प्रखंड कहरा के ग्राम पंचायत दिवारी अंतर्गत दिवारी गांव मुख्य सड़क से पश्चिम करीब तीन एकड़ रकवा का विशाल तालाब बेकार पड़ा हुआ है। जबकि इस तालाब में मत्स्य पालन भी किया जाए तो सालाना लाखों की आमदनी हो सकती है।

लेकिन इस तालाब के जीर्णोद्धार के लिए पिछले वर्ष जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत कार्य किए गए फिर भी कायाकल्प नहीं हो सका। जल जीवन हरियाली मिशन के तहत तालाबों, आहर-पाइन की उड़ाही, पौधे लगाना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग,सोकपिट एवं वाटर हार्वेस्टिंग योजना आदि प्रारंभ की गई। 4 जनवरी 2019 को सीएम 1 घंटे के लिए अाए थे कहरा मालूम हो कि सुलिंदाबाद-सोनबरसा कचहरी मुख्य सड़क से पश्चिम दिवारी गांव में 3 एकड़ जमीन में तालाब है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2005-2010 के बीच मनरेगा कार्यक्रम से तालाब की उड़ाही की गयी थी। उसके बाद तालाब के साफ-सफाई पर किसी की नजर नहीं पड़ी। लिहाजा जलकुंभी से संपूर्ण तालाब भरा-पड़ा है। 4 जनवरी 2019 को जल जीवन हरियाली यात्रा पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक घंटे के लिए कहरा प्रखंड के दिवारी पंचायत स्थित विषहरी स्थान भी आए थे।

मनरेगा पदाधिकारीकी है जिम्मेवारी
मनरेगा से तालाब आदि का जीर्णोद्धार करना था। इस तालाब में जलकुंभी है तो मनरेगा के पदाधिकारियों को ध्यान देकर जीर्णोद्धार करवाना चाहिए।
-रचना भारतीय, बाडीओ, कहरा।

लघु सिंचाई विभागकी है जिम्मेवारी
एक एकड़ से अधिक रकवा वाले तालाब की साफ-सफाई सहित अन्य व्ववस्था की जिम्मेवारी है। एक एकड़ से नीचे के तमालाब की उड़ाही मनरेगा से की जाती है।
-बिंदु कुमारी, पीओ,मनरेगा,कहरा।



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A 3-acre pond in Diwari village is full of hyacinth

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