मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक समेत तीन चिकित्सकों को आइसोलेट किए जाने पर आईएमए गया की आपत्ति को जिला प्रशासन ने निराधार बताया है। कहा है कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी के तहत विदेश से आई कोरोना संदिग्ध महिला के निकट संपर्क में आए चिकित्सकों को आइसोलेट किया गया था। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह एएनएमएमसीएच के वरीय प्रभारी पदाधिकारी के प्रतिवेदन पर यह कार्रवाई हुई।

वहीं जिलाधिकारी द्वारा एएनएमएमसीएच के प्राचार्य को कोरोना पॉजिटिव के निकट संपर्क में आए व्यक्तियों के संबंध में पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट में और कोई आया तो उसकी भी सैंपलिंग करा आइसोलेट किया जाएगा। बता दें कि अधीक्षक कक्ष में पहुंचने वाली उक्त महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटीव आई है।
एसओपी का उल्लंघन कर होम क्वारेंटाइन किया
बताया गया है कि वंदे भारत मिशन के तहत विदेश से गया हवाई अड्डा पर आई महिला में सर्दी-खांसी के लक्षण मिलने पर संदिग्ध महिला को सैंपलिंग हेतु एएनएमएमसीएच भेजा गया, जिसे सैंपलिंग के उपरांत बोधगया के आइसोलेशन सेंटर में भेजना था, लेकिन वहां के संबंधित चिकित्सकों द्वारा बोधगया के आइसोलेशन सेंटर में ना भेजकर एसओपी का उल्लंघन करते हुए होम क्वारेंटाइन कर दिया गया एवं उस संदिग्ध महिला को उसके घर भेज दिया गया, जिसकी जांच चल रही है।

उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी एसओ के अनुसार किसी भी कोरोना पॉजिटिव संदिग्ध के निकट संपर्क में आने वाले को तब तक आइसोलेट रखा जाता है, जब तक कि उसकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव न आ जाए। इस मामले में मगध प्रमंडल आयुक्त ने एसओपी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसी एसओपी के तहत एएनएमएमसीएच के तीनों चिकित्सकों को बोधगया के दो आइसोलेशन सेंटर होटल सिद्धार्थ इंटरनेशनल एवं होटल इंपीरियल में पॉजिटिव मरीज रहने के कारण अशोक अतिथि भवन में आइसोलेट किया गया था।

आईएमए के अधिकारियों ने नहीं दिखाया था सकारात्मक रूख
गया|प्रशासन के हवाले से बताया गया है कि लॉक डाउन के दौरान जिलाधिकारी द्वारा आईएमए गया के पदेन पदाधिकारियों एवं निजी चिकित्सकों के साथ चार बार बैठक कर उन्हें अपने क्लिनिक खोलने और आपदा की घड़ी में आम लोगों की मदद का अनुरोध किया। किन्तु उस समय आईएमए गया शाखा के पदाधिकारियों ने कोई सकारात्मक रूख या दिलचस्पी नहीं दिखाई। लॉक डाउन के अंत तक निजी चिकित्सकों के क्लिनिक नहीं खुले। कहा गया है कि लॉक डाउन के दौरान सरकारी चिकित्सकों ने बेहतर सेवा प्रदान की और प्रशंसनीय काम किए, जिसमें सीएस गया, एएनएमएमसीएच के प्राचार्य, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी एवं अन्य चिकित्सक शामिल हैं।



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