कलेक्ट्रेट सभागार में शनिवार को श्रावणी मेला को लेकर एडीएम ने संबंधित अधिकारियों को प्रारंभिक तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया गया। इस दौरान विशेष तौर पर पथ निर्माण विभाग और पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को अपने स्तर से तैयारी शुरू करने को कहा गया। हालांकि सरकारी स्तर पर इस वर्ष श्रावणी के संचालक को लेकर कोई दिशा निर्देश अब तक प्राप्त नहीं हुआ है। लेकिन 8 जून के बाद सभी मंदिरों में पूजा-अर्चना शुरू होने के साथ ही इस बावत निर्देश जारी होने की संभावना है। शनिवार को बैठक में सभी वरीय उपसमाहर्ता, बीडीओ, सीओ, थानाध्यक्ष आदि मौजूद थे। गौरतलब है कि श्रावणी मेला में देश-विदेश से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री सुल्तानगंज के गंगा तट से जल भर कर 98 किलोमीटर पैदल यात्रा पूरी कर झारखंड राज्य स्थित बाबा बैद्यनाथधाम के शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। इस वर्ष श्रावणी मेला 5 जुलाई से शुरू होकर 3 अगस्त तक चलेगा।
तैयारी कर रहा विभाग, केवल टेंडर प्रक्रिया बाकी
विभागीय स्तर पर मार्ग में बालू बिछाने सहित पीएचईडी के कार्य को अप्रूव करा कर रखा गया है, ताकि अगर सरकारी स्तर पर श्रावणी मेला के संचालन का आदेश मिलता है तो कम समय में इसे पूरा किया जा सके। ऐसे में विभागीय स्तर पर निविदा की प्रक्रिया ही सिर्फ पूर्ण किया जाना है। 0.7 से 83.35 किलोमीटर मार्ग में सड़क की मरम्मति व बालू बिछाने का कार्य किया जाना है। जिसमें बांका जिला अंतर्गत 3.4 से 83.35 किलोमीटर तक बालू सहित सड़क मरम्मति का कार्य किया जाना है।
मेले की आस में हैं स्थानीय लोग
8 जून से देश भर के सभी मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूजा करने की अनुमति प्रदान की जा रही है। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि कुछ नियमों के साथ श्रावणी मेले के संचालन की भी अनुमति सरकारी स्तर पर प्रदान किया जा सकती है। स्थानीय लोगों को इस मेला का साल भर इंतजार रहता है, क्योंकि इस मेले में एक माह कमा कर कई लोग साल भर अपने परिवार का भरण पाेषण करते हैं। ऐसे लोगों की निगाहें मेला आयोजन पर विशेष टिकी हुई है।
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