नेपाल व पूर्वी चंपारण में पिछले तीन दिन दिन से लगातार हो रही बारिश से बूढ़ी गंडक, बागमती सहित विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। हालांकि, सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही। विभाग ने जिले में बाढ़ की संभावनाओं से इंकार किया है। शुक्रवार को कंट्रोल रूप से मिली जानकारी के अनुसार, शाम चार बजे तक वाल्मीकिनगर बराज से गंडक में 65 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं सिकरहना में पानी का जलस्तर खतरे के निशान से 6-7 मीटर नीचे है।
सिकरहना के कार्यपालक अभियंता शिवजीपति तिवारी ने बताया कि सिकरहना नदी में नेपाल के सेमरा में हो रही बारिश का प्रभाव रहता है। स्थिति सामान्य है। जमीन के करीब जलस्तर पहुंचने के बाद डेंजर जोन माना जाएगा। इधर, गंडक, बागमती व बूढ़ी गंडक में संभावित बाढ़ को देखते हुए तटबंधों पर कटाव रोधी कार्य किए गए हैं। गंडक पर चंपारण तटबंध है, जिसकी लंबाई 0-57 किमी है। इस पर सात जगहों पर कटाव रोधी कार्य हुए हैं। 10 हजार से बालू भरे बोरों का भंडारण किया गया।
बागमती के तटबंध पर पांच जगह हुए कटावरोधी कार्य: बताया जाता है कि बागमती नदी के तटबंध के पांच जगहों पर कटाव रोधी कार्य हुए हैं। इसकी लंबाई 16 किमी है। यहां तटबंध पर 25 हजार बालू भरे बोरों का भंडारण किया गया है। जबकि, बूढ़ी गंडक के दो तटबंध- 0-77 किमी बांया व 0-55 किमी दायां तटबंध पर एक लाख 15 हजार बालू भरे बोरे का भंडारण किया गया है।
जमुई : बारिश ने तोड़ा पिछले नौ साल का रिकाॅर्ड, 24 घंटे में ठनका से 4 मौत
जमुई: जून महीने में मानसून का आगमन और झमाझम बारिश आफत बनकर बरस रही है। मौसम विभाग ने 28 जून तक भारी बारिश को लेकर लोगों को अलर्ट किया है। जमुई जिला पूर्व से ही थंड्रिंग जोन घोषित है। ऐसे में बारिश के दौरान खुले में अथवा पेड़ के नीचे रूकना जोखिम भरा होगा। जून महीने में बारिश ने पिछले 9 साल के रिकार्ड को तोड़ डाला है। पिछले 12 घंटे में 36 मिमी बारिश दर्ज की गई। जबकि ठनका गिरने से चार लोगों की मौत हुई है।
कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक अभिजीत शर्मा ने बारिश को धान का बिचड़ा तैयार करने के लिए फायदेमंद बताया। तो दूसरी तरफ बारिश के दौरान ठनका गिरने की भी संभावना जताई है। 26 जून तक जिले में 165 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले नौ साल के रिकार्ड को तोड़ डाला है।
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