नेपाल की तराई में भारी बारिश से जलस्तर में बढ़ोतरी से महानंदा, परमान और कनकई नदी उफना रही हैं और आसपास के निचले इलाके में पानी घुसने लगा है। खेत-खलिहानों में दो से तीन फीट तक पानी पहुंच गया है। प्रखंड क्षेत्र के बनगामा पंचायत के बनगामा व मडवा लेलुका गांव में महानंदा, परमान व कनकई नदी का संगम है। इन तीनों गांव में कटाव तेज होने लगा है। महानंदा नदी अब बनगामा पंचायत भवन के समीप पहुंच गई है। नदी के कटाव की रफ्तार को देखने के बाद ग्रामीणों में बाढ़ का भय सताने लगा है। लोग अभी से ही रतजगा कर रहे हैं। परमान नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण बायसी परमान पुल से करीब एक किलोमीटर दूर पानीसदरा गांव के पास बांध व सड़क कट गई है। धीरे-धीरे पानीसदरा गांव में पानी घुसने की आशंका है।
लगातार हो रही बारिश से कोसी और सीमांचल में नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। कोसी के जलस्तर में वृद्धि के कारण बायसी अनुमंडल के बनगामा पंचायत के लेलुका, खुटिया पंचायत के खुटिया, ताराबाड़ी, मीनापुर पंचायत के गोटफर, भसिया, चोपड़ा पंचायत के चकला चंद्रगांव डंगराह के निचले इलाकों में नदियों का पानी फैलने लगा है। हरिणतोड़ पंचायत के समिति सदस्य जुबेर आलम ने बताया कि अभी दो-तीन फीट पानी घुस गया है। अगर समय रहते इस बांध की मरम्मत नहीं की गई तो हजारों घरों को खतरा है। इससे हरेरामपुर, कौआनगर, पानीसदरा समेत कई टोला के विलीन होने की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। नदियों के जलस्तर बढ़ने का असर बायसी प्रखंड क्षेत्र में भी दिखने लगा है।
हाथीबंधा गांव में पूर्व में किया गया कटाव निरोधक कार्य ध्वस्त, 50 परिवारों को खतरा
अनुमंडल मुख्यालय से सटे बायसी पंचायत के हाथीबंधा गांव में परमान नदी के किनारे पूर्व में किए गए कटाव निरोधक कार्य के परमान नदी में समा जाने के बाद 50-60 परिवारों के घर पर कटाव का खतरा मंडराने लगा है। स्थानीय ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी से स्थल जांच कर कटाव निरोधक कार्य की मांग की है। प्रखंड के मीनापुर पंचायत के नया टोला गोटफोर में परमान नदी के किनारे बसे चार परिवारों पर भी कटाव का खतरा मंडराने लगा है।
कनकई नदी से सटे ताराबाड़ी पंचायत में भी मंडराने लगा नदी के कटाव का खतरा
नदी से सटे ताराबाड़ी पंचायत के उपमुखिया लक्ष्मण यादव ने बताया कि कनकई नदी से सटे ताराबाड़ी मेें भी कटाव का खतरा मंडराने लगा है। एक और दो नंबर वार्ड के पांच सौ घर के लोगों को विलीन होने का डर सता रहा है। ताराबाड़ी चनकी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि आपदा विभाग द्वारा कटाव निरोधक कार्य किया जा रहा था। बताया जाता है कि हर साल ताराबाड़ी चनकी गांव के पांच से दस घर कनकई में विलीन हो जा रहे हैं,लेकिन देखने वाला कोई नहीं है।
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