मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज सोचे कि 2005 से पहले बिहार पर ‘राज’ करने वालों ने उनके लिए क्या किया? अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सिर्फ यह याद रखें कि हमने उनके लिए कौन-कौन सा काम किया और हमारे पहले जो लोग बिहार पर ‘राज’ कर रहे थे, उन लोगों ने क्या किया था? राजद के जमाने में अल्पसंख्यक कल्याण का बजट सिर्फ 3.45 करोड़ था। आज अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का बजट 600 करोड़ रुपए है। हमने अल्पसंख्यकों के लिए काम किया, जबकि राजद-कांग्रेस ने तो उनको डरा-डरा कर सिर्फ वोट लिया था।
मुख्यमंत्री सोमवार को सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और दरभंगा के जदयू कार्यकर्ताओं से वीडियाे कांफ्रेंसिंग के जरिय बात कर रहे थे। उन्होंने किशनगंज के कार्यकर्ताओं से कहा कि अपने इलाके के युवाओं को बताइए कि 2005 से पहले पटना आने में कितने दिन लगते थे और अब कितने घंटे लगते हैं? उन्हाेंने कहा कि हम काम करते हैं, इसलिए वोटों की चिंता में नहीं पड़ते। हम हमेशा राज्यवासियों के हित में सोचते हैं और यहां के एक-एक आदमी की चिंता करते हैं।
कोविड-19 जैसी आपदा के समय लोगों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। हमारा काम करने का तरीका न तो जाति पर आधारित है और न ही किसी संप्रदाय पर। हम समाज के सभी वर्ग के लिए समान रूप से काम करते हैं।
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