जिले के बांकेबाजार प्रखंड के लुटूआ थाना क्षेत्र के भुसिया गांव के निकट नागोबार-एकरूपइवा जंगल में शुक्रवार को सीआरपीएफ के जवानों और माओवादियों में मुठभेड़ हुई, जिसमें दोनों ओर से दर्जनों राउंड गोलियां चलने की बात बताई जा रही है। हालांकि इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के जवान भारी पड़े। फलतः नक्सली फायरिंग करते हुए जंगल का सहारा लेकर भाग निकलने में सफल रहे।
इस मुठभेड़ में नक्सली नेता संजीत भुइयां का दस्ता शामिल था। घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने मोबाइल फोन और वाकी-टॉकी आदि सामान बरामद किए हैं। पुलिस सोर्स ने बताया कि भुसिया जंगल के इलाके में नक्सली किसी बड़ी घटना को अमलीजामा पहनाने पर चर्चा के लिए एकत्रित हुए थे। इस तरह की सूचना मिलने पर सीआरपीएफ जवानों की एक टीम गठित की गई और ऑपरेशन शुरू किया गया।
घटनास्थल से एके-47, इनसास और एसएलआर के खोखे मिले
माओवादियों को घेरने की करीब सुरक्षाब ल पहुंचने ही वाले थे, कि इसकी भनक नक्सलियों को ऐन वक्त पर लग गई। इसके बाद माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सीआरपीएफ के जवानों ने मोर्चा संभाला और नक्सलियों को मुंहतोड़ जबाब देना शुरू कर दिया। जल्द ही सुरक्षाबलों का पलड़ा भारी होते देख जंगल का सहारा लेकर नक्सली भाग निकले। इसके बाद सुरक्षाबलों ने जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें एके 47, इनसास, एसएलआर के खाली खोखे की बरामदगी की गई है। इसके अलावे मोबाइल फोन, वॉकी-टॉकी समेत काफी अन्य सामान भी मिले हैं। बताया जाता है कि जंगल में सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन जारी रखा है।
काफी सतर्क हुई है फोर्स, नापाक मंसूबों को ध्वस्त किया जा रहा
औरंगाबाद-गया जिले के बॉर्डर के जंगलों में नक्सली गतिविधियों को देखते हुए सीआरपीएफ और पुलिस जवान काफी सतर्क हो गए हैं। यहीं कारण है कि माओवादी अपनी नापाक गतिविधियों को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। बताया जाता है कि जंगल में सर्च ऑपरेशन के दौरान कई बार ऐसी भी परिस्थिति आ गई है, कि जहां माओवादी और जवानों के बीच में फासला बहुत ही कम का रहा है।
सब जोनल कमांडर संजीत का दस्ता था, दो दर्जन हैं केस
संजीत लुटूआ इलाके का माओवादी सबजोनल कमांडर है। इसके साथ एरिया कमांडर विवेक यादव और अभ्यास भुइयां भी रहता है। यह डुमरिया थाना क्षेत्र के हरही गांव का रहनेवाला है। पिछले 12 सालों से यह भाकपा माओवादी से जुड़ा है। नक्सली वारदातों को लेकर इसके खिलाफ बिहार-झारखंड के कई थाना में दो दर्जन से ज्यादा मुकदमा दर्ज है। इसका खुफिया तंत्र इतना ज्यादा मजबूत है कि अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आया है। जंगली इलाके में यह आतंक का पयार्य माना जाता है। ठंड़ा, गर्मी, बरसात सभी मौसम में यह सक्रिय रहता है।
बोले एसएसपी-मुठभेड़ के बाद भागे नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन जारी है। करीब आधे घंटे तक मुठभेड़ हुई। नक्सलियों के भागने वाले ठिकाने से काफी नक्सली सामान बरामद किए गए हैं, जिसमें इनसास, एके 47, एसएलआर के कारतूस, वॉकी-टॉकी आदि शामिल हैं। -राजीव मिश्रा, एसएसपी गया।
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