साउदी अरब में कई महीने रहकर 3 जून को लौटे गोपालगंज जिले के छपिया गांव निवासी गौरी शंकर शर्मा के 38 वर्षीय पुत्र विक्की कुमार शर्मा को बोधगया के निगमा बौद्ध मठ के 4 नंबर ब्लॉक के दूसरे तल्ले पर क्वारेंटाइन किया गया था। किन्तु इसने गुरुवार की रात्रि को क्वारेंटाइन सेंटर के तीसरे तल्ले से कूदकर अपनी जान दे दी।

इस घटना को देख क्वारेंटाइन रहे लोगों ने शोर मचाया और आसपास के युवकों को स्थल पर किसी तरह बुलाया। इन युवकों ने काफी देर तक परिसर में डॉक्टर की तलाश की, इस दौरान युवक के सिर से काफी खून निकल रहा था। आखिरकार तत्काल चिकित्सीय सुविधा नहीं मिलने के कारण विक्की कुमार शर्मा की स्थल पर ही मौत हो गई।
भगवान भरोसे थी व्यवस्था
हालांकि डॉक्टरों के नहीं मिलने पर वहां कंट्रोल रूम में इसकी जानकारी देने की कोशिश की गई, किन्तु वहां रहे होमगार्ड के जवान भीड़ देखकर अंदर ही दुबक गए। निगमा में रह रहे लोगों ने तैनात मजिस्ट्रेट को ढाई घंटे तक खोजा, किन्तु किसी अधिकारी के नजर नहीं आने पर आक्रोशित होकर लोग इस तरह की व्यवस्था के खिलाफ सड़क पर उतरने के लिए आगे बढ़े। इसी बीच बोधगया थानाध्यक्ष मोहन प्रसाद सिंह, मगध विवि थानाध्यक्ष उपेन्द्र सिंह मौके पर पहुंचे।

लॉकडाउन के बाद सउदी में तीन महीने फंसा था
सेंटर में रहे सीवान के सुरेश प्रसाद, मोतिहारी के नवी अली, दरभंगा के दिलीप कुमार झा, सीवान के अमिताभ ने बताया कि विक्की पहले से ही मानसिक तनाव में था। सउदी में काम तलाशने के बाद वह वापस देश आना चाहता था, कि इसी बीच लॉक डाउन हो गया और वह तीन महीने तक वहीं फंसा रहा।

न डॉक्टर, न एम्बुलेंस एक कमरे में 40 लोग
क्वारेंटाइन में रह रहे सैकड़ों युवकों ने व्यवस्था पर नाखुश होते हुए हंगामा किया। युवकों का कहना था कि यहां एक कमरे में 35 से 40 लोगों को एक साथ रखा जाता है। छोटी-मोटी बीमारी को देखने वाले एक भी डाॅक्टर रात को नहीं रहते हैं तो एक अदद एम्बुलेंस की भी व्यवस्था नहीं।

डॉक्टर होते तो बच सकती थी जान
यदि डॉक्टर की मौजूदगी होती तो गोपालगंज के विक्की की जान बचाई जा सकती थी। सेंटर में आपत्काल के लिए एम्बुलेंस भी नहीं था। घटना को देखकर लोग पहुंचे थे, किन्तु हर कोई तड़पते इस युवक को छूने से बचता रहा। वजह रहा कोरोना संक्रमण का डर। दो घंटे से भी अधिक समय बीतने के बाद सिर्फ पुलिस ही मौके पर पहुंची।
डीएम के नाम लिखा था पत्र, कहा था- होम क्वारेंटाइन होना चाहता है:जानकारी के अनुसार डीएम के नाम एक आवेदन लिखा था, जिसे सेंटर में देकर डीएम तक पहुंचाने का आग्रह किया गया था। इसमें लिखा है कि वह मानसिक रूप से तनाव में है और वह होम क्वारेंटाइन होना चाहता है। इधर, प्रशासन के हवाले से बताया गया है कि 3 जून को सउदी के जद्दा से आने वाले हवाई जहाज से गोपालगंज के विक्की कुमार को भी लाया गया था। मेडिकल स्क्रीनिंग करके उसे निगमा मोनेस्ट्री में क्वारेंटाइन किया गया था। 1 से 2 दिनों के अंदर निगमा मोनेस्ट्री की छत से कूदकर जान देने की घटना की जांच हो रही है।

बोलेथानाध्यक्ष-क्वारेंटाइन किए गए युवक ने खुदकुशी कर ली है। किस कारण से इस तरह की घटना की गई, इसकी जांच हो रही है। पता चला है, कि वह मानसिक रूप से परेशान था। पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर छानबीन कर रही है। -मोहन प्रसाद सिंह, थानाध्यक्ष बोधगया।



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निगमा क्वारेंटाइन सेंटर में अप्रवासी बिहारी ।

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