नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) पटना में इंटीग्रेटेड एमएससी कोर्स सत्र 2020-21 से बंद कर दिया गया है। नए सत्र में इसमें छात्रों का दाखिला नहीं लिया जाएगा। एनआईटी पटना ने सत्र 2015-16 में 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड एमएससी कोर्स फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स में शुरू किया था। तीनों कोर्सों को मिलकर 60 सीटें थी, बाद में इसे बढ़ाया भी गया। लेकिन छात्रों के घटते रुझान को देखते हुए इन कोर्सों को बंद कर दिया गया। साथ में निर्णय लिया गया कि इंजीनियरिंग के उभरते हुए क्षेत्र में नया कोर्स शुरू किया जाएगा, जिसमें जॉब पोटेंशियल ज्यादा और मार्केट डिमांड हो।

इसी बीच कोरोना खतरे के कारण हुए लॉकडाउन में संस्थान की सारी गतिविधियां रुक गईं। इस कारण अब नया कोर्स भी शुरू नहीं हो पाएगा। एमटेक के कुछ कोर्स शुरू करने की तैयारी थी, लेकिन अब इस साल ये नहीं हो पाएगा। एमटेक में दाखिला शुरू हो गया है। बीटेक और बी आर्क में दाखिले में देर हो रही है क्योंकि जेईई मेन अभी नहीं हुआ है।

एमटेक के छात्रों को वायवा के बाद नहीं मिलेगा स्टाइपेंड
एनआईटी पटना के एमटेक के छात्रों को फाइनल वायवा परीक्षा या कोर्स के 2 साल पूरा होने के बाद स्टाइपेंड, स्कॉलरशिप नहीं दी जाएगी। इन दोनों में जो भी पहले हो उसे लागू किया जाएगा। सीनेट ने यह प्रस्ताव पास कर दिया है। पीएचडी के छात्रों को थीसिस जमा करने के बाद या 5 साल पूरा हो जाने के बाद स्टाइपेंड, स्कॉलरशिप बंद कर दी जाएगी। अब छात्रों को अधिकतम कोर्स की अवधि तक ही स्टाइपेंड दिया जाएगा। छात्रों को अब पीएचडी थीसिस के 3 सेट स्पाइरल बाइंडिंग में जमा करने होंगे। एग्जामिनर के सजेशन के बाद 2 सेट हार्ड बाइंडिंग में देने होंगे। कलर कोड भी तय किया गया है।

यूजी रेगुलेशन बनेगा
एनआईटी पटना में छात्रों के लिए यूजी रेगुलेशन बनाया जाएगा। इसे सीनेट की अगली बैठक में रखा जाएगा। पहले इसी सत्र से रेगुलेशन लागू करने की योजना थी। लेकिन अभी ये नहीं हो रहा है। इसके अलावा एमटेक ड्युअल डिग्री प्रोग्राम का नाम बदलकर एमटेक/एमयूआरपी ड्युअल डिग्री प्रोग्राम कर दिया है।



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Integrated MSc course closed at NIT Patna, students will not be admitted in the new semester; Cares could not even begin

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