विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बिहार में दलबदल का दौर शुरू हो गया है। पूर्व मंत्री श्याम रजक सोमवार को 10 साल बाद अपनी पुरानी पार्टी राजद में लौट आए। वहीं लालू प्रसाद पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए राजद के 3 विधायकों- महेश्वर यादव, प्रेमा चौधरी और डॉ. अशोक कुमार कुशवाहा ने जदयू का दामन थाम लिया।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से सदस्यता लेने के बाद श्याम ने जदयू से निकालने के तरीके पर ऐतराज जताया। दावा किया-जदयू के कुछ मंत्री और कई विधायक प्रताड़ित हैं। जदयू से दुराव या उससे अलग होने की राह पर वह अकेले नहीं हैं, आगे-आगे देखिये और क्या-क्या होता है? दूसरी ओर, राजद छोड़ने वाले 3 विधायकों ने मिलन समारोह में कहा कि राजद आलाकमान पूंजीपतियों के हाथों का खिलौना बन गया है। ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और आईपीआरडी मंत्री नीरज कुमार ने इन्हें जदयू की सदस्यता दिलाई।
पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा- आगे-आगे देखिये और क्या-क्या होता है
रजक ने राजद में शामिल होने से पहले विधानसभा जाकर स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा। उनसे पूछा गया-आप 2009 में राजद छोड़कर जदयू में गये थे, अब राजद में कब तक रहेंगे? उन्होंने झल्लाते हुए जवाब दिया-यह ईश्वर जानता है। कहलगांव में एक दलित से दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई नहीं होने का उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार की कमोबेश यही हालत है।
पार्टी छोड़ने वाले तीनों विधायक बोले-राजद में परिवारवाद के अलावा न कोई सिद्धांत न नीति
- हायाघाट से विधायक महेश्वर यादव ने कहा कि राजद में एक परिवार के अलावा कोई नीति का सिद्धांत नहीं है।
- पातेपुर की विधायक प्रेमा चौधरी ने कहा कि बिहार में हर जगह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काम जमीन पर दिखता है। हर किसी को पता है कि बिजली, सड़क, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को नीतीश कुमार ने घर-घर तक पहुंचाया है।
- सासाराम के विधायक डॉ.अशोक कुशवाहा बोले- महिला, दलित, अल्पसंख्यक हर किसी के लिए नीतीश कुमार ने काम किया है।
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