बिहटा स्थित ईएसआईसी अस्पताल में 24 अगस्त से 500 बेड का अस्थायी कोविड अस्पताल चालू हो जाएगा। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की निर्माण एवं प्रशासनिक टीम ने यहां पहुंचकर अस्पताल चालू करने के लिए काम शुरू कर दिया है। बेड, चिकित्सा उपकरणों सहित अन्य आवश्यक सामान डीआरडीओ द्वारा लाया जा रहा है। बिजली आपूर्ति सहित अन्य छोटी समस्याओं को दूर कर लिया गया है। अस्पताल के लिए 6 एमवीए का लोड सैंक्शन कर दिया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सोमवार को डीआरडीओ की टीम के साथ अस्पताल का निरीक्षण किया। डीआरडीओ ने राज्य में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दो जगहों पर अस्थायी अस्पताल बनाने का प्रस्ताव बिहार सरकार को दिया था। मुजफ्फरपुर में भी अस्थायी अस्पताल निर्माण पर काम शुरू कर दिया गया है। वहां सितंबर के पहले हफ्ते में प्री-फैब्रिकेटेड शेल्टर से बना और सेंट्रली एसी वाला 500 बेड का अस्पताल शुरू हो जाएगा।

सेना के डॉक्टरों और पारा मेडिकल स्टाफ की होगी तैनाती

चिकित्सकों और पारा मेडिकल स्टाफ की तैनाती दिल्ली में डीआरडीओ द्वारा बनाए गए कोविड अस्पताल की तर्ज पर डायरेक्टर जनरल आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विस (डीजीएएफएमएस) और आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) पुणे के सहयोग से की जा रही है। चिकित्सक सहित करीब 200 मेडिकल स्टाफ अस्पताल में तैनात किए जाएंगे। उनके रहने के लिए भवन चिह्नित कर लिया गया है।

डीजीएफएमएस के साथ तैयार की योजना
डीआरडीओ ने अस्थायी कोविड अस्पताल की पूरी योजना डीजीएएफएमएस के साथ मिलकर तैयार की है। अस्पताल में आईसीयू के साथ सभी बेड पर ऑक्सीजन का इंतजाम होगा। आईसीयू में सभी अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के साथ 125 बेड होंगे। आईसीयू बेड पर मॉनिटरिंग उपकरण और वेंटिलेटर उपलब्ध होंगे। ज्यादातर उपकरणों का निर्माण हाल में डीआरडीओ द्वारा विकसित तकनीकी पर विशेष रूप से कोरोना अस्पतालों के लिए किया गया है। इनमें वेंटिलेटर, पीपीई किट, हैंड फ्री सेनेटाइजर डिस्पेंसर, सेनेटाइजेशन चैंबर, मेडिकल रोबोट ट्राॅली आदि शामिल हैं।

कोरोना जांच की भी होगी सुविधा
अस्थायी अस्पताल में कोरोना जांच की भी सुविधा उपलब्ध होगी। जांच अस्पताल द्वारा खुद की जाएगी या किसी एजेंसी को आउटसोर्स कर दिया जाए इसपर मंथन किया जा रहा है।
पाइपलाइन से ऑक्सीजन की व्यवस्था

बिहटा ईएसआईसी अस्पताल 630 करोड़ की लागत से बना था। इसमें 500 बेड की व्यवस्था की याेजना थी। 2 साल की जगह अस्पताल 10 साल में बनकर तैयार हुआ। सरकार ने पहले 100, फिर बाद में 50 बेड का अस्पताल चालू कराया। चालू होने के बाद एक वर्ष बाद 50 बेड की तैयारी पूरी हुई। अस्पताल में ऑक्सीजन के लिए पाइपलाइन की व्यवस्था है, जिसका इस्तेमाल कोविड अस्पताल में किया जा सकता है।



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ESIC Bihta to be operational from 24 to 500 bed Kovid Hospital, Principal Secretary of Health Department also reached

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